Home remedies for eye flu: बरसात के मौसम में कई प्रकार के बैक्टीरिया, वायरस और एलर्जी का रिस्क बढ़ जाता है यही वजह है कि इस बार आई फ्लू ने लोगों को परेशान कर दिया है। आंखों में खुजली और चिपचिपा पानी आने के साथ ही आंखें लाल हो जाती है। आजकल इस बीमारी से लाखों लोग जूझ रहे हैं। इस दौरान आंखों की दिक्क्त होने पर जहां कई लोग अस्पताल जा रहे हैं तो कुछ लोग खुद ही आई ड्रॉप्स खरीदकर इलाज कर रहे हैं लेकिन क्या आपको मालूम है कि आपके घर और रसोई में ऐसी चीजें मौजूद हैं जो आई फ्लू जैसी बीमारियों को छूमंतर करने में कारगर हैं। ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेदा में आयुर्वेदिक ऑप्थेल्मोलॉजी में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अंकुर त्रिपाठी बताते हैं कि कंजक्टिवाइटिस या आई फ्लू फैलने के कई कारण बताए गए हैं। यह संक्रमित व्यक्ति के कपड़े छूने से, साथ में सोने से, साथ में खाना खाने से, हाथ मिलाने से, गले मिलने से, उनके कपड़े मसलन तौलिया, रूमाल, गमछा, तकिया, बिस्तर आदि का उपयोग करने से और अपने हाथों से बार बार मुख, आंखें इत्यादि को छूने से होता है।
आंखें लाल होना है बड़ा लक्षण
इस बीमारी का प्रमुख लक्षण आंखें लाल होना और आंखों में किरकारापन महसूस होने के अलावा पानी आना और खुजली होना है। अगर किसी की एक आंख में कंजक्टिवाइटिस है और अगर आप उसे छूते हैं और फिर बिना साबुन से हाथ धोए उसी हाथ से दूसरी आंख को भी छू लेते हैं तो इससे भी दूसरी आंख संक्रमित हो जाती है। इसलिए बचाव के उचित तरीकों को जानना जरूरी है।
रसोई में मौजूद है इलाज
आई फ्लू होने पर या आई फ्लू से बचने के लिए रसोई में मौजूद 3 चीजों से आंखों को धुलना काफी फायदेमंद है। पहला आप साफ पानी से आंखें धो सकते हैं। दूसरा त्रिफला क्वाथ से आंखें धो सकते हैं और तीसरा गुलाब जल से आंखें धुल सकते हैं। इसमें साफ जल और गुलाब जल तो सामान्य रूप से इस्तेमाल किए जा सकते हैं लेकिन त्रिफला क्वाथ आपको बनाना पड़ेगा।
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त्रिफला क्वाथ बनाने की विधि
एक व्यक्ति के लिए लिए एक गिलास साफ पानी पीने वाला उसमें दो चुटकी त्रिफला चूर्ण डालकर उबालें, अच्छे से उबल जाए तब नीचे रख दे, जब साधारण गुनगुना हो जाए तब उस त्रिफला क्वाथ पानी को एक सूती कपड़े की सात-आठ परत या लेयर बना के छान लें ताकि उसमें कोई चूर्ण के कण ना आएं और फिर उस छने हुए त्रिफला क्वाथ पानी से दो अलग-अलग गिलास में डाल दें। इस क्वाथ से दोनो आंखों को अलग-अलग धोएं।
इन बातों का भी रखें ध्यान
डॉ. अंकुर कहते हैं कि हाथों को बार-बार साबुन से धोना, साफ सूती रूमाल या तोलिया उपयोग करना, आंखों को न मसलना, संक्रमित व्यक्ति से दूर रहना, और अगर कोई संक्रमित व्यक्ति हैं तो वो काले चश्मे का उपयोग करें, भीड़भाड़ वाली जगह पे जाने से बचे स्विमिंग पूल, नदी आदि में एक साथ नहाने से बचे, साधारण व लघु (हल्का) सुपाच्य भोजन करें, वैद्य के परामर्श से सप्ताह में एक बार उपवास कर सकते हैं, जिससे पाचन शक्ति ठीक रहती हैं। वहीं ज्यादा परेशानी हो तो चिकित्सक से उचित परामर्श करें, खुद ही सीधे मेडिकल से दवाई लेने से बचें।