भविष्य में आने वाली महामारी को लेकर अभी से चेतावनी जारी की गई है कि यह कोरोना से भी अधिक खतरनाक होगी। ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन को बानाने वालों में से एक प्रोफेसर डेम सारा गिल्बर्ट ने 44वें रिचर्ब डिम्बलबी लेक्चर देते हुए हुआ कहा कि, महामारियों से निपटने के लिए अधिक धन की जरूरत है। उन्होंने कहा कि, कोरोना वायरस का नया ओमीक्रॉन वेरिएंट पर वैक्सीन कम प्रभावी हो सकती है।
उन्होंने लोगों को तब तक सतर्क रहने के लिए कहा है जब तक इस वेरिएंट के बारे में अधिक जानकारी न मिल जाए। उन्होंने कहा कि, ये आखिरी बार नहीं होगा जब कोई वायरस हमारे जीवन और हमारी आजीविका को खतरे में डालेगा। सच्चाई ये है कि अगली महामारी बदतर हो सकती है। ये अधिक संक्रमाक या अधिक घातक दोनों हो सकती है। हम ऐसे हालात को पैदा करने की अनुमति नहीं दे सकते हैं, जहां से हम गुजर रहे हैं। ऐसी परिस्थिति में हम पाते हैं कि हमें भारी आर्थिक नुकसान हुआ है। इसका मतलब है कि हमारे पास महामारी से निपटने के लिए अभी भी कोई धन नहीं है।
ओमीक्रॉन वेरिएंट को लेकर उन्होंने कहा कि, इसके स्पाइक प्रोटीन में म्यूटेशन होता है। ये वायरस के फैलने की क्षमता को बढ़ाने के लिए जाना जाता है। लेकिन ऐसे अतिरिक्त परिवर्तन हैं, जिनका मतलब ये हो सकता है कि वैक्सीन की वजह से एंटीबॉडी या अन्य वेरिएंट से हुए संक्रमण की वजह से ओमीक्रॉन के संक्रमण से बचने का कम चांस है। जब तक हम और अधिक नहीं जान जाते हैं, तब तक हमें सतर्क रहना चाहिए। इस नए वेरएंट के प्रसार को धीमा करने के लिए कदम उठाना चाहिए।