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#Yasin Malik फांसी के फंदे से बच गया आतंकियों का आका यासीन मलिक! मिली सिर्फ उम्र कैद, घाटी में हालात तनावपूर्ण

यासीन को उम्रकैद का ऐलान

कश्मीरी पंडितों के नरसंहार के जिम्मेदार और आतंकवादियों को पैसा मुहैया कराने के दोषी यासीन मलिक को उम्रकैद की सजा का ऐलान कर दिया गया है। फिलहाल वो फांसी के फंदे से बच गया है।  इस ऐलान के साथ ही कश्मीर घाटी में एक बार फिर 2019 से पहले जैसे हालात देखने को मिले हैं। हालांकि ये हालात यासीन मलिक के घर के आस-पास ही है। सुरक्षाबल हालात पर काबू करने के लिए फिल्हाल न्यूनतम बल प्रयोग कर रहे हैं।

जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के प्रमुख यासीन मलिक ने टेरर फंडिंग एक मामले अपना गुनाह कबूल कर लिया था। यह भी उसकी एक चाल थी। क्यों कि आतंकियों का मानना है कि जिंदा रहेंगे तो काफिरों के खिलाफ जिहाद कर सकेंगे। इससे पहले स्पेशल जज प्रवीण सिंह ने 19 मई को यासीन मलिक को दोषी करार दिया था और एनआईए को उसकी वित्तीय स्थिति का आकलन करने को कहा था, ताकि उस पर लगाये जा सकने वाले जुर्माने को निर्धारित किया जा सके। यहां ध्यान रखने वाली बात यह है कि कोर्ट ने फिल्हाल उसके खिलाफ टेरर फंडिग में सजा सुनाई है। अभी एयरफोर्स अधिकारियों की हत्या और कश्मीरियों के नरसंहार के मामले की सुनवाई नहीं की है।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने टेरर फंडिंग के मामले में दोषी कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिकको मृत्युदंड दिए जाने का अनुरोध किया है। मलिक ने अवैध गतिविधियां (रोकथाम) कानून (UAPA) के तहत लगाए गए आरोपों समेत सभी आरोपों को स्वीकार कर लिया था। यासीन मलिक के गुनाहों की लिस्ट काफी लंबी है और उसके दिए दर्द से भारत के कई परिवार आज भी तड़प रहे हैं। यासीन मलिक ने कैमरे के सामने भी अपने गुनाहों को कबूल किया है।