सरकार से मान्यता प्राप्त प्रिंट या इलेक्ट्रोनिक मीडिया का जर्नलिस्ट अपनी विजुवल स्टोरी या लेखन से देश की सुरक्षा और सम्मान के साथ खिलबाड़ करता है या उसकी स्टोरी से देश की एकता और अखण्डता को आंच आती है तो सरकार उसकी मान्यता छीन लेगी। इसके अलावा उसके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई भी की जा सकती है।
प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) ने मान्यता प्राप्त पत्रकारों के लिए नए मानकों का आदेश जारी किया है। पीआईबी ने अपने आदेश में कहा है कि अगर कोई भी पत्रकार 'देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करता है, या एकता अखंडता के साथ छेड़छाड़ करता है' तो उसकी मान्यता वापस ले ली जाएगी।
आदेश में कहा गया है कि अगर कोई भी राष्ट्र की सुरक्षा, मित्र देशों के साथ मैत्रिपूर्ण संबंधों, सार्वजनिक व्यवस्था, शालीनता या नैतिकता या अदालत की अवमानना, मानहानि के लिए उकसाने का काम करता है तो उसकी सरकारी मान्यता ले ली जाएगी।
पीआईबी राष्ट्रीय राजधानी में रहने वाले पत्रकारों को सूचना प्रसारण मंत्रालय के मान्यता दिलाता है जिससे कि वे मंत्रालयों में आ-जा सकें और समाचार संकलन व पुष्टि कर सकें। मान्यता प्राप्त पत्रकार इसके अलावा कई ऐसे कार्यक्रमों में शामिल हो सकते हैं जिसमें राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री मौजूद रहते हैं।
पीआईबी के नए मानकों के अनुसार अब ऑनलाइन (वेब जर्नलिस्ट्स) पत्रकारों को भी मान्यता सूची में शामिल किया गया है। अब ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के लिए काम करने वाले पत्रकारों को भी सरकारी मान्यता दी जाएगी। इसके लिए उसे कम से कम एक साल से उस प्लेटफॉर्म के साथ जुड़े हुए होना चाहिए और प्लेटफॉर्म पर हर महीने कम से कम 10 से 50 लाख विजिटर होने चाहिए।