अग्निपथ योजना को लेकर देश के कई राज्यों में जमकर हंगामा किया जा रहा है। सरकारी चीजों को आग के हवले और तोड़फोड़ किया जा रहा है। कुछ कट्टरपंथियों के बहकावे में लोग हंगामा कर रहे हैं। युवाओं को ये कट्टरपंथी और कई विपक्षी गलत चीजों को बताकर हंगामा करने के लिए उकसा रहे हैं। लेकिन, असल में बात कुछ और ही है। अग्निपथ योजना को लेकर तीनों सेनाओं ने संयुक्त प्रेश कांफ्रेंस कर सारी जानकारी साझा की। जिसके बाद लोगों की गलतफहमी दूर हो जाएगी। इसमें रक्षा मंत्रालय के सैन्य विभाग के अतिरिक्त सचिव, लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी, एयर मार्शल झा और लेफ्टिनेंट जनरल बंसी पोनप्पा मौजूद रहे। इस दौरान तीनों सेनाओं के शीर्ष आधिकारियों ने अग्निपथ योजना के सभी प्रावधानों को विस्तार से समझाया और इसको लेकर हर तरह के भ्रम को दूर किया।
प्रेस कॉन्फ्रेंस की मुख्य बातें…
लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि अग्निपथ योजना वापस नहीं ली जाएगी।
देशभर में हो रही हिंसा और आगजनी को लेकर कहा कि सेना की नींव अनुशासन है जिसमें तोड़फोड़ की कोई जगह नहीं है।
जो बच्चे कर रहे थे उनको जेल में डाला गया। कोचिंग वाले भी बच्चों को उकसा रहे थे।
उन्होंने कहा कि, ये काम 1989में ये काम शुरू हुआ। ये बहुत समय से पेंडिंग था।
कमांडर की उम्र को लेकर सिफारिश की गई थी ताकि सेना का चेहरा युवा हो।
हमारा मुद्दा है कि हमारी सेना युवा दिखे और हो।
जनरल रावत समेत कई अधिकारियों ने इस पर चर्चा की। कई देशों की सेना की भी स्टडी की गई।
हमे यूथ चाहिए क्योंकि उसमें जुनून होता और रिस्क लेता है लेकिन उसमें होश भी जरूरी है।
हम सेना में जोश और होश का हिस्सा बराबर चाहते हैं।
आज के जवानों के मुकाबले अग्निवीरों को ज्यादा अलाउंस मिलेंगे।
अग्निवीर और बाकी सैनिकों में कोई अंतर अलाउंस में नहीं रहेगा।
देश सेवा को पैसे से ना तौलें।
आगे की लड़ाई टेक्नो-सेवी होगी और उसके लिए हमें यूथ चाहिए।
हमारी 70फीसदी इनटेक गांवों से है।
पिछले सालों मो हमने अपना फ्लैब कट किया है। ये सिर्फ 46000तक नहीं रहेगा, आगे ये और बढ़ेगा।
इसके आगे उन्होंने कहा कि, डिसेबिलिटी आदि के प्रावधान भी सबके लिए बराबर होंगे। पिछले दो साल से कोरोना की वजह से भर्तियां नहीं हुईं इसलिए अग्निपथ के लिए हमें ये मौका मिला। अग्निवीर किसी तरह से अलग नहीं होगा, सभी सुविधाएं और अलाउंस आर्मी वाले ही मिलेगें। उन्होंने आगे कहा कि जो भी गृह मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय की तरफ से आरक्षण को लेकर या उम्र छूट का ऐलान किया गया, ये अचानक या विरोध के दबाव मे नहीं किया गया बल्कि ये सब पहले से तय था।
देश की सेवा में बलिदान देने वाले अग्निवीरों को एक करोड़ रुपये का मुआवजा मिलेगा। 'अग्निवीर' को सियाचिन और अन्य क्षेत्रों में वही भत्ता और सुविधाएं मिलेंगी जो वर्तमान में नियमित सैनिकों पर लागू होती हैं। सेवा शर्तों में उनके साथ कोई भेदभाव नहीं होगा। हर साल लगभग 17,600लोग तीनों सेवाओं से समय से पहले सेवानिवृत्ति ले रहे हैं। किसी ने कभी उनसे यह पूछने की कोशिश नहीं की कि वे सेवानिवृत्ति के बाद क्या करेंगे।
उन्होंने कहा कि हर एक जो हमसे अग्निवीर में जुड़ेगा, उसको अंडरटेकिंग/शपथ देनी होगी कि उसने कहीं प्रोटेस्ट में हिस्सा नहीं लिया या तोड़फोड़ या आगजनी नहीं की है। सभी का पुलिस वेरिफिकेशन कराया जाएगा और अगर किसी के नाम एफआईआर दर्ज मिलती है, तो वे सेना में शामिल नहीं हो सकते।
वहीं एयर मार्शल झा ने कहा कि, एयरफोर्स में अग्निवीर की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया ऑनलाइन 24जून से शुरू हो जाएगी और 24जुलाई से परीक्षा की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। दिसंबर तक पहले बैच को एनरोल कर लेंगे। 30दिसंबर से पहले बैच की ट्रेनिंग भी शुरू हो जाएगी। उन्होंने बताया कि अग्निपथ योजना के तहत लगभग 40,000अग्निवीरों की भर्ती के लिए सेना 83भर्ती रैलियां करेगी।
इस दौरान वाइस एडमिरल त्रिपाठी ने कहा कि 25जून तक नेवी का विज्ञापन सूचना प्रसारण मंत्रालय को पहुंच जाएगा और उसके एक महीने में प्रक्रिया शुरू होगी। 21नवंबर से अग्निवीर नेवी ट्रेनिंग के लिए INS Chilka रिपोर्ट करना शुरू करेंगे। उन्होंने बताया कि हम महिला अग्निवीर भी ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि नेवी की रिक्रूटमेंट प्रोसेस ऑनलाइन होगी। हम महिला अग्निवीर को नाविक और दूसरे ट्रेड में भी भर्ती करेंगे।
देखें क्या है खास
चार साल के लिए वायुसेना में भर्ती
हर साल 30दिनों मिलेगी छुट्टी
सिक लीव भी
हर महीने 30हजार होगी सैलरी
हर साल इन्क्रीमेंट।
रिस्क, ट्रेवल, ड्रेस और हार्डशिप अलाउंस।
कैंटीन सुविधा और मेडिकल सुविधा।
चार साल के बाद अग्निवीरों को 10.04लाख सेवा निधि के रूप में।
असम राइफल्स और सीएपीएफ में 10फीसदी नौकरियों में वरीयता।
शहादत पर परिवार को बीमा समेत करीब एक करोड़ की राशि।
विकलांगता पर एक्स-ग्रेशिया और बची हुई नौकरी की सैलरी और सेवा निधि।
वायुसेना की गाइडलाइंस के अनुसार ऑनर और अवॉर्ड।