राजधानी दिल्ली में प्रदूषण ने लोगों की चिंता बढ़ा दी, क्योंकि दिल्ली-एनसीआर में एक सप्ताह के अंदर प्रदूषण संबंधी बीमारियों के चलते अस्पताल पहुंचने वालों की संख्या 22प्रतिशत से 44प्रतिशत हो गई है। दिल्ली-एनसीआर में अगले तीन दिनों तक हवा की गुणवत्ता में कोई सुधार होने की उम्मीद नहीं है। वहीं, अब इस संकट से निपटने के लिए अगले कुछ दिनों तक निर्माण कार्यों और स्कूलों को बंद रखने का निर्देश दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मंगलवार को कमिशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेमैंट की हुई आपात बैठक में उन उपायों की सूची तैयार की गई है, जिससे अगले कुछ दिनों में प्रदूषण पर नियंत्रण पाया जा सकता है।
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CAQM ने अपने निर्देश में मौसम विभाग के अनुमानों का हवाला दिया और कहा कि दिल्ली-NCR में कम से कम 21नवंबर तक वायु गुणवत्ता बहुत खराब हालत में रह सकती है। इसके साथ ही गैर जरूरी निर्माण, ट्रांसपोर्ट, पावर प्लांट पर रोक लगाने वर्क फ्रॉम होम जैसे निर्देश दिए हैं। इन उपायों की सूची को पर्यावरण मंत्रालय की तरफ से बुधवार को सुप्रीम कोर्ट के सामने पेश किया जा सकता है। ये निर्देश दिल्ली और एनसीआर में आने वाले राज्यों (उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, पंजाब) को जारी किए गए हैं।
निर्देश के अनुसार, कुछ दिनों तक सिर्फ गैस से चलने वाली इंडस्ट्रीज ही चल सकेंगी, गैरनिर्धारित फ्यूल से चलने वाली सभी इंडस्ट्री बंद हो। फैक्ट्री और इंडस्ट्रीज वायु प्रदूषण को रोकने के लिए बनाए गए नियमों का पालन कर रही हैं या नहीं इसके लिए दिल्ली और NCR की राज्य सरकारें प्रभावी तंत्र का इस्तेमाल करें, उच्छ अधिकारियों की देखरेख में टीम गठित करें, ताकि प्रदूषण का उत्सर्जन करने वाली इंडस्ट्रीज पर कार्रवाई हो सके और उन्हें बैंद किया जा सके। इसके साथ ही कई और बड़े एक्शन लिए जा सकते हैं।
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निर्देश के अनुसार जरूरी सेवाओं में लगे ट्रकों को छोड़कर, सभी ट्रकों की एंट्री दिल्ली में 21 नवंबर तक के लिए बंद रहेगी। जरूरत पड़ने पर इस तारी को आगे भी बढ़ाया जा सकता है। जिम्मेदार अथॉरिटी सुरक्षित करें कि सड़क पर 15 साल से ज्यादा पुराने पेट्रोल के वाहन और 10 साल से ज्यादा पुराने डीजल के वाहन ना चलें। नियम तोड़ने पर सख्त कार्रवाई हो, पॉल्युशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट बगैर गाड़ियों का सड़क पर दौड़ना बंद किया जाए।