अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने की घटना में अबतक 16 लोगों के शव बरामद किए जा चुके हैं। सेना दबे हुए लोगों को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही है और इसी दौरान मलबे से 5 लोगों को जिंदा निकाला है। थ्रू वॉल रडार की मदद से इन पांचों को जिंदा निकाला गया है। रडार कंपन से जमीन के नीचे की स्थिति का पता लगता है। हालांकि, अब भी 40 से ज्यादा यात्री लापता बताए जा रहे हैं। आर्मी के साथ भारतीय वायु सेना भी बचाव कार्य में जुटी हुई है।
15 हजार यात्रियों को पहुंचाया गया सुरक्षित जगह
शुक्रवार शाम से जारी रेस्क्यू ऑपरेशन में शनिवार तड़के करीब चार बजे तक 15 हजार यात्रियों को पवित्र गुफा के आसपास और यात्रा मार्ग से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है। शनिवार को 63 घायलों समेत 109 लोगों को एयरलिफ्ट किया गया। एयरफोर्स के चार एमआई-17 वी5 और चार चीतल हेलिकॉप्टर से 65 उड़ानें भरी गईं। शनिवार को पारंपरिक बालटाल और पहलगाम रूट से किसी भी यात्री को जाने की अनुमति नहीं दी गई। इस बीच कड़ी सुरक्षा में आधार शिविर भगवती नगर जम्मू से 6047 श्रद्धालुओं का जत्था रवाना किया गया। रविवार को भी पवित्र गुफा के आसपास लापता यात्रियों की खोज के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जाएगा।
सैन्य अधिकारियों ने कहा कि रेस्क्यू ऑपरेशन में माउंटेन रेस्क्यू टीमें और लुकआउट पेट्रोलिंग पार्टी के जवान थ्रू वॉल रडार, थर्मल इमेजर, नाइट विजन उपकरणों से लापता लोगों की तलाश में लगे हैं। सेना के हेलिकॉप्टर से घायलों को अस्पताल शिफ्ट किया जा रहा है। कुछ टीमों को यात्रा मार्ग पूरी तरह से बहाल करने के लिए लगाया गया है। बालटाल में 6 हजार से अधिक यात्री रुके हुए हैं। इसी तरह नुनवान पहलगाम आधार शिविर पर भी हजारों श्रद्धालुओं का जमावड़ा है। एक अधिकारी का कहना है कि, लापता लोगों की संख्या 40 से कहीं अधिक है, लेकिन संभव है इन लापता लोगों के मोबाइल फोन की बैटरी खत्म हो गई हो। आरएफआईडी कार्ड से इन यात्रियों की तलाश की जा रही है।