राष्ट्रीय

परिजनों का कहना है कि अतीक़ अहमद के  हत्यारे बेरोज़गार ड्रग एडिक्ट थे

बांदा (उत्तर प्रदेश): गैंगस्टर से नेता बने अतीक़ अहमद और उसके भाई अशरफ़ की शनिवार रात प्रयागराज में मीडिया की चकाचौंध में गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। हमलावरों में से एक के पिता ने रविवार को कहा कि उनका बेटा बेरोज़गार और नशे का आदी था।

रविवार को पत्रकारों से बात करते हुए यज्ञ तिवारी (गिरफ़्तार किये गये शूटरों में से एक लवलेश के पिता) ने कहा, “वह मेरा बेटा है। हमने टीवी पर घटना देखी। हमें लवलेश की हरक़त की जानकारी नहीं है और न ही इससे हमारा कोई लेना-देना है। वह कभी यहां नहीं रहा और न ही वह हमारे पारिवारिक मामलों में शामिल रहा। उसने हमें कुछ नहीं बताया। वह पांच-छह दिन पहले यहां आया था। हम वर्षों से उसके साथ बात नहीं कर रहे हैं। उसके ख़िलाफ़ पहले से ही मामला दर्ज है। उसे उस मामले में जेल हुई थी।” “वह काम नहीं करता है। वह ड्रग एडिक्ट था। हमारे चार बच्चे हैं। हमें इस बारे में कुछ नहीं कहना है।’

इस बीच, एएनआई से बात करते हुए, पिंटू सिंह (शूटर सनी सिंह के भाई) ने कहा, “वह इधर-उधर घूमता था और कोई काम नहीं करता था। हम अलग रहते हैं और न जाने कैसे वह अपराधी बन गया। हमें इस घटना के बारे में कोई जानकारी नहीं है।”

उत्तर प्रदेश के झांसी में एक मुठभेड़ में अतीक़ अहमद के बेटे असद के मारे जाने के कुछ दिनों बाद माफ़िया से राजनेता बने और उसके भाई अशरफ़ अहमद शनिवार को प्रयागराज में मेडिकल जांच के लिए ले जाते समय मारे गये।

अतीक़ 2005 में बसपा विधायक राजू पाल की हत्या और इस साल फ़रवरी में बसपा नेता की हत्या के मुख्य गवाह उमेश पाल की हत्या में भी आरोपी था।

तीनों हमलावरों को गिरफ़्तार कर लिया गया, अतीक़ और उसके भाई की गोली मारकर हत्या के बाद पुलिस को सूचित किया था।

“तीन लोगों को गिरफ़्तार किया गया है और उनसे पूछताछ की जा रही है। प्रयागराज के पुलिस आयुक्त रमित शर्मा ने कहा कि एक पत्रकार भी गिर गया और एक कांस्टेबल को गोली लगने से चोट लग गयी।

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने घटना की जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग के गठन का आदेश दे दिया है।

“यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज की घटना का तुरंत संज्ञान लिया। उन्होंने एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की और मामले की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिये। सीएम ने इस मामले में तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग (न्यायिक जांच आयोग) के गठन का भी आदेश दे दिया है।

घटना स्थल पर फ़ॉरेंसिक टीम भी पहुंची और नमूने एकत्र किए।

हत्या से कुछ क्षण पहले उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी और मारे गये गैंगस्टर बंधु मेडिकल के लिए ले जाते समय मीडिया से बात कर रहे थे और उसी दौरान की गयी उनकी हत्या कैमरे में क़ैद हो गयी।

“नहीं ले गये, तो नहीं गये”, अतीक़ अहमद के यही आख़िरी शब्द थे।यह उसने तब कहा था,जब उससे पूछा गया था कि उसके बेटे असद को दफ़नाने को लेकर उन्हें क्या कहना है।

आईएन ब्यूरो

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