भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक जीसी मुर्मू ने कल गोवा में चल रहे तीन दिवसीय G-20 सुप्रीम ऑडिट संस्थानों SAIs) के शिखर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में कहा कि आज का सबसे चर्चित आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस ऐप ChatGPT है।उन्होंने इस तकनीक के विस्तारित उपयोग के अवसरों और ख़तरों पर प्रकाश डाला।
मुर्मू ने कहा, “एक आम आदमी के स्तर पर चैट जीपीटी ने हमें इसे चिह्नित करने के लिए मजबूर कर दिया है और ख़ासकर अगर युवा छात्रों द्वारा लापरवाही से उपयोग किया जाता है,तो इसके जोखिमों की तुलना में इसकी उपयोगिता की बहस को भी छेड़ दिया है।” यह आवश्यक है कि नीति निर्माता इस प्रौद्योगिकी की क्षमता का ज़िम्मेदारी से उपयोग करने के लिए प्रक्रियाओं को लागू करें।
G-20 ब्लॉक के अन्य SAI के साथ CAG के दो मुख्य फोकस क्षेत्र “आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ब्लू इकोनॉमी का ज़िम्मेदार उपयोग” हैं।
जहां एआई दैनिक जीवन में तेज़ी से पैठ बना रहा है,वहीं डेटा सुरक्षा और गोपनीयता से संबंधित ख़तरे भी बढ़ गये हैं।
मुर्मू ने रेखांकित किया कि एआई-आधारित निर्णय बिना पक्षपात या निजता के उल्लंघन के समावेशी होने चाहिए।
मुर्मू ने कहा, “एआई की शक्ति, संभावना और ख़तरों को ध्यान में रखते हुए यह आवश्यक है कि नीति निर्माता इस तकनीक की क्षमता का ज़िम्मेदारी से उपयोग करने के लिए प्रक्रियाओं को लागू करें।”
मुर्मू ने यह भी कहा कि जेफ़्री हिंटन, जिन्हें ‘ Al का गॉडफ़ादर’ के रूप में जाना जाता है और मस्तिष्क कैसे काम करता है, इस ज्ञान का श्रेय दिया जाता है, अब वह भी इस प्रौद्योगिकी के दुरुपयोग से चिंतित हैं। मुर्मू ने हिंटन के हवाले से कहा कि ‘यह देखना मुश्किल है कि आप बुरे तत्वों को बुरे कामों के लिए इसका इस्तेमाल करने से कैसे रोक सकते हैं।”
मुर्मू ने यह भी कहा कि Google के सीईओ सुंदर पिचाई ने कहा कि Al के विकास को लेकर सामाजिक वैज्ञानिकों, नैतिकतावादियों और दार्शनिकों से इनपुट की आवश्यकता है, क्योंकि प्रौद्योगिकी को नैतिकता सहित मानवीय मूल्यों से जोड़ा जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि SAI20 समुदाय को आगे रहने के लिए नई तकनीकों, कौशल, क्षमताओं और विधियों को अपनाने में सहयोग को प्राथमिकता देनी चाहिए।
इस बीच ब्लू इकोनॉमी के लिए ऑडिट सिस्टम को और विकसित करने के लिए मुर्मू ने जयपुर में SAI इंडिया के इंटरनेशनल सेंटर फॉर एनवायरनमेंटल ऑडिट एंड सस्टेनेबल डेवलपमेंट में सेंटर फॉर एक्सीलेंस इन द ब्लू इकोनॉमी की स्थापना की घोषणा की।
लगभग 7.5 हजार किलोमीटर के समुद्र तट वाले भारत ने ब्लू इकोनॉमी का खाका तैयार किया है। इसमें सतत विकास के संबंध में बढ़ती नीली अर्थव्यवस्था का लेखा-जोखा महत्वपूर्ण होगा।
मुर्मू ने कहा, “जहां जीविका, रोज़गार, कनेक्टिविटी और संसाधन प्रदान करने में महासागर दुनिया को एकजुट करते हैं, वहीं यह आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस है, जो हमें साझा डेटा, प्रौद्योगिकियों और क्षमताओं के साथ ही आने वाली पीढ़ियों को भी वैश्विक नेटवर्क के माध्यम से एक साथ लाता है।” ।
CAG इस समय भारत की G-20 अध्यक्षता के भाग के रूप में SAI20 की अध्यक्षता कर रहे हैं।