भारत में कोरोना ने फिर से खतरे की घंटी बजा दी है। भारत में कोरोना मामलों में रोज के आंकड़े देखें तो कोई खास राहत नजर नहीं आ रही। बीते 24 घंटों में देशभर में 34,403 कोरोना मामले देखने को मिले हैं। वहीं इस दौरान 37,950 मरीज ठीक हुए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, कुल एक्टिव मामलों की संख्या बढ़कर 3,39,056 हो गई है। भारत में कोरोना की स्थिति के बारे में जानकारी देते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि केरल में मामले कम हुए हैं, लेकिन देश के दैनिक मामलों का लगभग 68 प्रतिशत हिस्सा अभी भी केरल से ही है।
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, केरल में संक्रमण के मामले घट रहे हैं। दूसरे राज्यों में भी जल्द ही मामलों में गिरावट आएगी। तीसरी लहर के खतरों के बीच उन्होंने आने वाले फेस्टिव सीजन में भी सावधानी बरतने पर जोर दिया। डॉ बलराम भार्गव ने कहा, त्योहार नजदीक आ रहे हैं और जनसंख्या घनत्व में अचानक वृद्धि वायरस के प्रसार के लिए अनुकूल वातावरण बनाती है।
नीति आयोग के सदस्य और राष्ट्रीय कोविड टास्क फोर्स के प्रमुख डॉ वीके पॉल ने भी फेस्टिव सीजन में कोरोना मामलों के बढ़ने की संभावना जताई थी। डॉ वीके पॉल ने कहा कि आने वाले दो-तीन महीने महत्वपूर्ण हैं, ऐसे में देश में कहीं भी कोरोना केस ना बढ़ें, इस पर खास ध्यान देना होगा। इस साल के अंत तक कोरोना संक्रमण के बढ़ने पर होने वाले जोखिम का आकलन करते हुए डॉ वीके पॉल ने कहा, अनुमानों के अनुसार, अक्टूबर और नवंबर सबसे महत्वपूर्ण महीने हैं और उन महीनों के दौरान संक्रमण बढ़ सकता है।
केरल में बुरे हैं हालात
केरल में गुरुवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 22,182 नए मामले सामने आए तथा महामारी से 178 और मरीजों की मौत हो गई। इसके साथ ही कुल मामले बढ़कर 44,46,228 हो गए और मृतकों की संख्या 23,165 पर पहुंच गई है। केरल एक मात्र ऐसा राज्य है जहां एक्टिव मरीजों की संख्या एक लाख से ज्यादा है। केरल के बाद महाराष्ट्र में 49,342 सक्रिय मरीज हैं।