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IAF के Deesa Air Base पर न बम न ही मिशाइल का होगा असर- पाकिस्तान सिर्फ 2 मिनट दूर

PM Modi launches new strategic air base in Gujarat s Deesa

Indian Air Force Deesa Air Base: भारतीय जवानों ने कई बार दुश्मनों के दांत खट्टे किये हैं। चाहे बात थल सेना की हो या फिर, नेवी-एयरफोर्स की तीनों ने कई जंगे लड़ी हैं और हर बार उन्होंने भारत मां के शीश को गर्व से ऊंचा किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार आने के बात देश की रक्षा पर खास नजर रखा गया। तीनों सेनाओं को आधुनिक बनाये जाने की दिशा में काम हुआ। आज हमारी तीनों सेनाओं के पास ऐसे-ऐसे हथियार हैं जो दुश्मनों को मिनटों में नेस्तानाबूद करने का दाम रखते हैं। अब पीएम मोदी ने बुधवार को गुजरात में बनासकांठा जिले के डीसा (Indian Air Force Deesa Air Base) में बनने जा रहा वायुसेना का नया एयरबेस की आधारशिला रखी। डीसा एयरबेस (Indian Air Force Deesa Air Base) देश के सुरक्षा चक्र को और भी ज्यादा मजबूत कर देगा। यहां से पाकिस्तान में हमारे लड़ाकू विमानों को घुसकर तबाही मचाने में सिर्फ दो मिनट लगेगा। यही वजह है कि इसके ऐलान के बाद से पड़ोसी मुल्क में हलचल पैदा हो गई है। आइये जानते हैं इसके बारे में…

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राफेल से लेकर तेजस जैसे विध्वंसक लड़ाकू विमान भरेंगे उड़ान
गुजरात में बनासकांठा जिले के डीसा में एक हजार करोड़ रुपये की लागत से वायुसेना का ये नया एयरबेस बनने जा रहा है। ये एयरबेस पाकिस्तानी सीमा से महज 130 किलोमीटर दूर है। वर्ष 2024 में इसका काम पूरा होगा, जिसके बाद पश्चिमी सीमा पर देश की सुरक्षा और चाक-चौबंद होगी। दुश्मन पर हमला करने के लिए सिर्फ दो मिनट में लड़ाकू विमान अंतरराष्ट्रीय सीमा में घुस सकते हैं। केंद्र सरकार ने वर्ष 2020 में इसको बनाने का फैसला किया था। इस नए एयरबेस से बोइंग सी-17 ग्लोब मास्टर, राफेल, सुखोई, मिग-29, तेजस जैसे विध्वंसक लड़ाकू विमान उड़ान भर सकेंगे। नया एयरबेस स्वदेशी हेलीकॉप्टर और डीआरडीओ के स्वदेशी रडार का नया ठिकाना होगा। इनके जरिए सीमावर्ती क्षेत्रों में दुश्मन की हर गतिविधि पर वायुसैनिक नजर रख सकेंगे।

कई तरह के लड़ाकू विमान एकसाथ उड़ान भरेंगे
– गुजरात में डीसा एयरबेस देश का 5वां एयरबेस होगा।
– वडोदरा, जामनगर, भुज और नालिया में पहले से वायुसेना का एयरबेस है।
– देश में वायुसेना के कुल एयरबेस की संख्या 60 से अधिक है।
– देश के सभी एयरबेस से आपात स्थिति में कई तरह के लड़ाकू विमान एकसाथ उड़ान भर सकते हैं।
– रणनीतिक लिहाज से दक्षिण पश्चिम एयर कमांड के लिए इस एयरबेस को अहम माना जा रहा है।
– गुजरात, महाराष्ट्र और राजस्थान जैसे तीन बड़े राज्यों की हवाई सुरक्षा इस एयरबेस से मजबूत होगी।
– गुजरात के भुज, कच्छ के नालिया और राजस्थान के जोधपुर, जयपुर, बाड़मेर के एयरबेस से समन्वय स्थापित करने के लिए ये नया केंद्र होगा।
– केंद्र सरकार की उड़ान योजना के तहत डीसा में एक हजार मीटर का सिर्फ एक रनवे है।
– इसका प्रयोग वीआईपी मूवमेंट, चार्टर प्लेन और हेलीकॉप्टरों के लिए किया जाता है।
– केंद्र सरकार और वायुसेना ने इसे वायुसेना के एयरबेस के रूप में बदलने का फैसला इसलिए लिया है, क्योंकि ये पाकिस्तानी सीमा से लगता हुआ क्षेत्र है जो युद्ध में निर्णायक भूमिका निभा सकता है।

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फाइटर जेट्स के लिए बंकर भी होगा तैयार
डीसा एयरबेस आधुनिक होगा, यहां से दुश्मनों की हर चाल पर एयरफोर्ट की नजर होगी। साथ ही लाड़कू विमानों को दुश्मन के हमले से बचाने के लिए बंकर भी बनेगा। यहां नेक्सट जनरेशन हार्डेन्ड एयरक्राफ्ट शेल्टर (एनजीएचएस) का निर्माण होगा। इन बंकरों की मजबूती का अंदाजा इसी से लगा लें कि, अगर यहां पर एक हजार किलोग्राम वजन का बम गिरता है तो भी इनका कुछ नहीं बिगड़ेगा। केंद्र ने इसके लिए 5500 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं। देश से लगती सीमाओं पर 108 एनजीएचएस का निर्माण होना है। इसके साथ ही दूसरे एयरबेस से ये कई मायनों में अलग होगा। केंद्र की योजना के मुताबिक, एयरबेस पर सुरक्षा की दृष्टि से स्मार्ट फेंसिंग का इस्तेमाल किया जाएगा, सेंसरयुक्त लाइट लगाने का काम होगा। स्वच्छ ऊर्जा की उपलब्धता के लिए यहां सोलर फॉर्म बनाए जाएंगे। एयरबेस के निर्माण में कई और स्वदेशी तकनीकों का इस्तेमाल होना है।