भारतीय वायु सेना के प्रमुख वी आर चौधरी ने चीन और पाकिस्तान की परेशानी बढ़ा दी है। एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने मंगलवार को बड़ी जानकारी देते हुए कहा कि चीनी वायु सेना के जवान अभी भी वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के तीन एयर बेसों पर मौजूद हैं। अगर पड़ोसी देश से किसी भी तरह की हरकत देखी जाएगी फौरन जवाब मिलेगा।
वायुसेना के नवनियुक्त प्रमुख एयर चीफ मार्शल चौधरी ने कहा कि भारतीय वायुसेना पूर्वी लद्दाख में उत्पन्न किसी भी चुनौती से निपटने के लिए तैयार है और चीन द्वारा तिब्बत में विकसित नए एयरबेस और अन्य बुनियादी ढांचों से वायुसेना की लड़ाकू तैयारियों पर कोई असर नहीं होगा तथा वह किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। एयर चीफ मार्शल ने कहा कि राफेल और चीनूक जैसे उन्नत तकनीक वाले लड़ाकू विमान और हेलाकॉप्टर के शामिल होने से वायुसेना की मारक क्षमता में खासी बढोत्तरी हुई है।
उन्होंने जानकारी दी कि बहुप्रतीक्षित रूस निर्मित एस-400 जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल सिस्टम एक साल के भीतर वायुसेना में शामिल कर लिया जाएगा। इसके अलावा दो दुश्मनों की चुनौतियों के निबटने के लिए वायुसेना लगातार अपनी ताकत में बहुआयामी बढोत्तरी कर रहा है। पाकिस्तान और चीन के बीच करीबी संबंधों के कारण उत्पन्न सुरक्षा चिंताओं के संबंध में एयर चीफ मार्शल चौधरी ने कहा कि उस साझेदारी के बारे में चिंता करने की कोई जरुरत नहीं है।
पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन द्वारा बुनियादी ढांचा विकास बढ़ाए जाने के संबंध में सवाल करने पर उन्होंने कहा कि भारत को इसकी जानकारी है और रेखांकित किया कि पड़ोसी देश तिब्बत में तीन एयरबेस पर विकास जारी रखे हुए है। हालांकि उन्होंने कहा कि चीन द्वारा एयरफील्ड और अन्य बुनियादी ढांचों का निर्माण किए जाने से भारतीय सेना की तैयारियों पर कोई असर नहीं होगा।