INS Vikrant: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार भारत की सुरक्षा को लेकर लगातार एक से बढ़कर एक फैसले ले रही है। आज चाहे थल सेना हो या, जल, वायु इनकी ताकत में इतना इजाफा हो चुका है कि, दुश्मन भारत की ओर नजर उठाने से पहले एक बार नहीं बल्कि हजारों बार जरूर सोचता है। इंडियन नेवी की ताकत में और भी ज्यादा इजाफा हुआ है। क्योंकि, आज नौसेना को अपना दूसरा एयरक्राफ्ट कैरियर मिल गया है। पीएम मोदी ने आज सुबह कोच्चि के कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड में आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant) को इसे देशसेवा में समर्पित किया है। इस दौरान उन्होंने कहा कि, आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant) यह युद्धपोत से तैरता हुआ एयरफील्ड है, यह तैरता हुआ शहर है।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ‘केरल के समुद्री तट पर पूरा भारत एक नए भविष्य के सूर्योदय का साक्षी बन रहा है। INS विक्रांत पर हो रहा यह आयोजन, विश्व क्षितिज पर भारत के बुलंद होते हौसलों की हुंकार है।’ यह बस पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर ही नहीं, समंदर पर तैरता किला है। आईएनएस विक्रांत का डिजाइन और निर्माण, सबकुछ भारत में ही किया गया है। पीएम मोदी ने नौसेना के नए निशान का भी अनावरण किया जो ब्रिटिश राज की परछाई से दूर है। इसमें बायीं ओर ऊपर की तरफ राष्ट्रध्वज और दायीं तरफ अशोक स्तंभ और उसके नीचे लंगर है।
पीएम मोदी बोले कि, ‘ये युद्धपोत से ज्यादा तैरता हुआ एयरफील्ड है, यह तैरता हुआ शहर है। इसमें जितनी बिजली पैदा होती है उससे 5,000 घरों को रौशन किया जा सकता है। इसका फ्लाइंग डेक भी दो फुटबॉल फील्ड से बड़ा है। इसमें जितने तार इस्तेमाल हुए हैं वह कोचीन से काशी तक पहुंच सकते हैं। इसके आगे उन्होंने कहा कि, छत्रपति वीर शिवाजी महाराज ने इस समुद्री सामर्थ्य के दम पर ऐसी नौसेना का निर्माण किया, जो दुश्मनों की नींद उड़ाकर रखती थी। जब अंग्रेज भारत आए, तो वो भारतीय जहाजों और उनके जरिए होने वाले व्यापार की ताकत से घबराए रहते थे। इसलिए उन्होंने भारत की समुद्री सामर्थ्य की कमर तोड़ने का फैसला लिया। इतिहास गवाह है कि कैसे उस समय ब्रिटिश संसद में कानून बनाकर भारतीय जहाजों और व्यापारियों पर कड़े प्रतिबंध लगा दिए गए। इसके आगे उन्होंने कहा कि, विक्रांत जब हमारे समुद्री क्षेत्र की सुरक्षा के लिए उतरेगा, तो उस पर नौसेना की अनेक महिला सैनिक भी तैनात रहेंगी। समंदर की अथाह शक्ति के साथ असीम महिला शक्ति, ये नए भारत की बुलंद पहचान बन रही है। अब इंडियन नेवी ने अपनी सभी शाखाओं को महिलाओं के लिए खोलने का फैसला किया है। जो पाबंदियों थीं वो अब हट रही हैं। जैसे समर्थ लहरों के लिए कोई दायरे नहीं होते, वैसे ही भारत की बेटियों के लिए भी अब कोई दायरे या बंधन नहीं होंगे।
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प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि, ‘आज भारत ने, गुलामी के एक निशान, गुलामी के एक बोझ को अपने सीने से उतार दिया है। आज से भारतीय नौसेना को एक नया ध्वज मिला है। अब तक भारतीय नौसेना के ध्वज पर गुलामी की पहचान बनी हुई थी। लेकिन अब आज से छत्रपति शिवाजी से प्रेरित, नौसेना का नया ध्वज समंदर और आसमान में लहराएगा। बता दें कि, आईएनएस विक्रांत स्वदेशी है। इसे भारत में भी निर्मित किया गया है। इसके एयरबेस में जो स्टील लगी है, वो स्टील भी स्वदेशी है।
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