jammu and kashmir: अनुच्छेद 370 हटने के बाद कश्मीर घाटी की फिजा खुशगवार होती नजर आ रही है।कुदरत की बेहिसाब बख्शिशों से बनी इन वादियों में अब बम-बारूद की डरावनी मनहूसियत की जगह उत्सव-उल्लास का रंग दिखाई देने लगा है। इस दौरान अब बारामूला के राफियाबाद में जिला प्रशासन की तरफ से आयोजित स्नो फेस्टिवल में लोगों का उत्साह इसी बात की गवाही दे रहा है। मुंड दजी स्नो फेस्टिवल के नाम से मशहूर इस कार्निवल में स्थानीय कलाकार हसीन वादियों में जमी बर्फ की मोटी परत को अपने अनूठे हुनर से तरह-तरह की आकृतियों का रूप दे रहे हैं। इस स्नो फेस्टिवल में एक विशाल युवा सभा देखी गई। इस उत्सव में संगीत, नृत्य और सांस्कृतिक कार्यक्रम देखे गए, जिन्होंने लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया, लेकिन आकर्षण की पहचान स्नो क्रिकेट, वॉलीबॉल और स्कीइंग थी। इस कार्यक्रम में उपायुक्त, बारामूला (डीसी) डॉ. सैयद सेहरिश असगर के साथ अन्य नागरिक प्रशासन और पुलिस अधिकारी उपस्थित थे।
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डीसी असगर ने बुधवार को कहा, ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से रफियाबाद में स्नो फेस्टिवल का आयोजन किया गया था। आज हमने मुंडदाजी में शीतकालीन खेल उत्सव मनाया है। रफियाबाद और बारामूला में हजारों लोग यहां आए। खेल उत्सव में, हमने वॉलीबॉल, क्रिकेट और ट्रेकिंग जैसे कई खेल शुरू किए हैं। स्थानीय बच्चों ने खेल में भाग लिया। उन्होंने कहा कि स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रशासन द्वारा इस तरह के और प्रयास किए जाएंगे जहां हम स्थानीय संस्कृति को बढ़ावा देंगे। इस फेस्टिवल को जबर्दस्त रिस्पॉन्स मिला। कई अन्य स्थान हैं जिन्हें विकसित करने की आवश्यकता है और हम इसे जल्द ही पूरा कर लेंगे।
वहीं वहां के स्थानीय लोगों का कहना है इस जगह की सुंदरता स्विट्जरलैंड से कहीं बेहतर है। सभी को इस जगह एक बार जरूर घूमने आना चाहिए। इतना ही नहीं मुंडाजी रफियाबाद में पहला स्नो फेस्टिवल आयोजित करने के लिए स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन की सराहना की।