जम्मू-कश्मीर के लोगों को यह बात अब समझ आने लगी है कि, घाटी में जो कुछ भी हुआ उसमें पाकिस्तान का ही हाथ रहा है और इसमें उसने घाटी के लोगों को बहकाया और उनके भावनाओं के साथ खेला। उनके हाथों में जहां कलम किताब होनी चाहिए थी तो वहीं, पाकिस्तान ने बंदूक थमा दी। जहां देश के कुर्बानी होनी चाहिए थी तो पाकिस्तान ने इन्हें आतंकी बना दिया। केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार आने के बाद से जम्मू-कश्मीर में आतंकियों का सफाया तेजी से हुआ है। साथ ही विकास की राह तेजी से आगे बढ़ रही है। पाकिस्तान को ये पच नहीं रहा है कि, कैसे जम्मू-कश्मीर में इतनी तेजी से विकास हो रहा है ऐसे में वो आतंक कैसे फैलाएगा। एक बात पाकिस्तान को समझ लेनी चाहिए कि भारत के खिलाफ जाना अब उसके लिए किसी बड़े खतरे से कम नहीं है। पाकिस्तान में नई सरकार आ चुकी है और सत्ता परिवर्तन होते ही घाटी में आतंकी हमला तेज करने में लगे हुए हैं। इस वक्त कश्मीर के बारामुला में सुरक्षाबलों ने तीन आतंकवादियों को मार गिराया। लेकिन, इस मुठभेड़ में एक माटी का लाल शहीद हो गया। जिसके पिता ने कहा है कि, मेरे बेटे ने कम से कम 1000 लोगों की जान बचाई है और मुझे उसपर बहुतगर्व है।
सुनो पाकिस्तान के आकाओं ये नया कश्मीर है… #BaramullaEncounter में शहीद सिपाही के पिता बोले मुझे मेरे बेटे पर गर्व है- उसने 1000 बेगुनाहों की जान बचा ली#Baramulla #terrorist @jkpsfc @KashmirPolice @Jammu4India @ahmedalifayyaz @KashmiriPandit7 pic.twitter.com/F9U6wbGipI
— इंडिया नैरेटिव (@NarrativeHindi) May 26, 2022
जम्मू कश्मीर के बारामुला के आज सुरक्षाबलों ने तीन आतंकवादियों को मार गिराया। इस मुठभेड़ में एक पुलिसकर्मी भी शहीद हो गया है। पुलिस ने बताया कि जिला बारामुला के करेरी इलाके में हुई मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने तीन पाकिस्तानी दहशतगर्दों को मार गिराया है जबकि एक पुलिसकर्मी शहीद हो गया है। पुलिस को आतंकियों के पास से हथियार, गोला-बारूद और आपत्तिजनक सामग्री बरामद हुई है।
शहीद सिपाही के पिता ने कहा कि, "मुझे बताया गया है कि मेरे बेटे के बलिदान ने कम से कम 1,000 लोगों की जान बचाई है और मुझे उस पर बहुत गर्व है। हमारी पूरी बिरादरी को उन पर गर्व है। ये शब्द जम्मू-कश्मीर के पुलिस अधिकारी मोहम्मद मुदासिर शेख के पिता मसूद अहमद शेख के हैं। मोहम्मद मुदासिर शेख ने बुधवार को उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले के क्रीरी गांव में पाकिस्तानी आतंकवादियों से लड़ते हुए अपनी जान दे दी थी। उन्होंने कहा कि, उनके बेटे के शव को उनके सहयोगियों ने अंतिम सम्मान देने के लिए बारामूला पुलिस लाइन लाया जा रहा है। मैं खुश और गौरवान्वित हूं कि मेरा बेटा उन आतंकवादियों से लड़ते हुए शहीद हो गया, जो निर्दोष लोगों को मारने आए थे।