श्रीनगर: राज्यों के हाईकोर्ट और भारत के सुप्रीम कोर्ट के 200 से अधिक न्यायाधीश इस महीने के अंत में श्रीनगर में क़ानूनी सेवाओं पर होने वाले एक राष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लेने जा रहे हैं।
केंद्रीय क़ानून और न्याय मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों ने इंडिया नैरेटिव को बताया कि भारतीय राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA), भारत के सुप्रीम कोर्ट और देश भर के स्टेट हाई कोर्ट के समन्वय से तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन करेगा। 29-30 जून और 1 जुलाई को श्रीनगर में शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (एसकेआईसीसी) में क़ानूनी सेवाओं पर राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा।
प्रमुख क़ानूनी सेवा सम्मेलन आयोजित करने का यह निर्णय G-20 अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन की भव्य सफलता और मई में सम्मेलन के लिए उल्लेखनीय सकारात्मक प्रतिक्रिया को देखते हुए लिया गया है।
व्यवस्थाओं से जुड़े आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, विभिन्न राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के हाई कोर्ट और भारत के सुप्रीम कोर्ट के 200 से अधिक न्यायाधीश, जिनमें सभी हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और भारत के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ सम्मेलन में भाग लेंगे। सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय क़ानून और न्याय राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल सम्मेलन में बोलने वाले शीर्ष गणमान्य व्यक्तियों में शामिल होंगे।
भारत के अटॉर्नी जनरल और भारत के सॉलिसिटर जनरल के भी उस विश्व प्रसिद्ध डल झील के सुरम्य तटों पर कन्वेंशन सेंटर में सम्मेलन में भाग लेने की संभावना है, जो 22 से 25 मई, 2023 तक G-20 सम्मेलन के लिए अंतर्राष्ट्रीय समाचारों में बना रहा।
भारत के मुख्य न्यायाधीश डॉ. डी. वाई. चंद्रचूड़, NALSA के संरक्षक-इन-चीफ हैं, जबकि श्रीनगर के भूमि-पुत्र के रूप में न्यायमूर्ति संजय किशन कौल इसके कार्यकारी अध्यक्ष हैं।
<blockquote class=”twitter-tweet”><p lang=”en” dir=”ltr”>G-20 meeting will expose false narratives on J&K: Jitendra Singh<br><br>Around 122 delegates, including 60 foreigners, arrived in Srinagar for the third G20 tourism working group meeting on Monday, as Union Minister of State Jitendra Singh described the three-day event as “one that… <a href=”https://t.co/mB4tXt2Tns”>pic.twitter.com/mB4tXt2Tns</a></p>— Resonant News🌍 (@Resonant_News) <a href=”https://twitter.com/Resonant_News/status/1660875926207631361?ref_src=twsrc%5Etfw”>May 23, 2023</a></blockquote> <script async src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” charset=”utf-8″></script>
जम्मू और कश्मीर और लद्दाख हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, न्यायमूर्ति एन कोतिस्वर सिंह राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (एसएलएसए) के संरक्षक-इन-चीफ़ हैं। न्यायमूर्ति ताशी रबस्तान इसके कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में कार्य कर रहे हैं। न्यायमूर्ति सिंधु शर्मा वर्तमान में जम्मू और कश्मीर हाई कोर्ट क़ानूनी सेवा समिति की अध्यक्ष हैं।
NALSA का गठन क़ानूनी सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 के तहत समाज के कमज़ोर वर्गों को मुफ़्त क़ानूनी सेवायें प्रदान करने और विवादों के सौहार्दपूर्ण समाधान के लिए लोक अदालतों का आयोजन करने के लिए किया गया है।
प्रत्येक राज्य में राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण का गठन NALSA की नीतियों और निर्देशों को लागू करने और लोगों को मुफ़्त क़ानूनी सेवायें देने और राज्य में लोक अदालतें आयोजित करने के लिए किया गया है। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के प्रमुख संबंधित हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश होते हैं, जो राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के प्रधान संरक्षक होते हैं। उच्च न्यायालय के वरिष्ठतम न्यायाधीश को कार्यकारी अध्यक्ष, एसएलएसए के रूप में नामित किया जाता है।
ज़िला विधिक सेवा प्राधिकरण (DLSA) का गठन प्रत्येक ज़िले में विधिक सेवा कार्यक्रम को लागू करने के लिए किया गया है। डीएलएसए हर ज़िले में ज़िला न्यायालय परिसर में स्थित होता है और संबंधित ज़िले के ज़िला न्यायाधीश इसकी अध्यक्षता करते हैं। एक सिविल जज संवर्ग के न्यायिक अधिकारी को पूर्णकालिक आधार पर सचिव के रूप में नियुक्त किया जाता है।
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