आंदोलनजीवियों को सबक सिखाने के लिए लठ उठाने का आह्वान करने वाले हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने एक और बड़ा कदम उठा लिया है। हालांकि खट्टर के इस कदम का विपक्षी दलों ने आपत्तियां उठानी शुरू कर दी हैं, लेकिन खट्टर एटमिनिस्ट्रेटर ने 40 साल पुराने शासनादेशों को रद्द कर दिया। इन शासनादेशों के खात्मे के बाद अब सरकारी कर्मचारी और अधिकारी आरएसएस (राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ)के सांस्कृतिक कार्यक्रमों और शाखाओं में शामिल हो सकेंगे।
हरियाणा सरकार ने 11 अक्टबर 2021 को 1967और 1980में जारी दो आदेशों को वापस ले लिया, जिसके तहत सरकारी कर्मचारियों के आरएसएस की गतिविधियों में भाग लेने पर रोक लगाई गई थी। हरियाणा सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से सोमवार को जारी आदेश में कहा, ''हरियाणा सिविल सेवा (सरकारी कर्मचारी आचरण) नियम, 2016के प्रभाव में आने के साथ, दिनांक 2.4.1980और दिनांक 11.1.1967के सरकारी निर्देश को तत्काल प्रभाव से वापस ले लिया जाता है क्योंकि वे अब प्रासंगिक नहीं हैं।इस फैसले के बाद अब हरियाणा सरकार के कर्मचारी आरएसएस की गतिविधियों में हिस्सा ले सकते हैं। इस आदेश पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
अप्रैल 1980में हरियाणा के मुख्य सचिव के कार्यालय के तत्कालीन सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी निर्देशों ने राज्य सरकार के कर्मचारियों को आरएसएस की गतिविधियों से किसी भी तरह के जुड़ाव से रोक दिया था।इससे पहले 1967में हरियाणा में मुख्य सचिव कार्यालय की राजनीतिक एवं सेवा शाखा ने एक निर्देश जारी कर कहा था कि सरकारी कर्मचारियों द्वारा आरएसएस की गतिविधियों में भाग लेने पर सेवा नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी।
सोमवार को जारी नए आदेश ने इन दो आदेशों को रद्द कर दिया है। खट्टर 2014 में तब मुख्यमंत्री बने जब भाजपा ने पहली बार हरियाणा में अपने दम पर सरकार बनाई। राज्य में सरकारी कर्मचारियों को आरएसएस की गतिविधियों में भाग लेने से रोकने के निर्देश अब तक लागू थे।