कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े आंदोलनकारियों की मंशा से आम किसानों को अवगत कराने के लिए  संघ ने मोर्चा संभालने का फैसला किया है। इस बारे में संघ से जुड़े भारतीय किसान संघ के संगठन मंत्री दिनेश कुलकर्णी ने बताया कि कुछ लोग किसानों को भ्रमित करने पर तुले हुए हैं। इसलिए 1 लाख से ज्यादा वालेंटियर 26 जनवरी को देश के 50 हजार से ज्यादा गांवों में जाएंगे और आंदोलनकारियों की सच्चाई बताएंगे।
नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों ने जहां ऐलान किया है कि मांग पूरी न होने पर वह 26 जनवरी को किसान परेड निकालेंगे वहीं राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का किसान संगठन इस दिन गांव गांव जाएगा और किसानों को अपनी मांग और कानून के बारे में बताएगा। संघ के किसान संगठन भारतीय किसान संघ का कहना है कि कृषि कानून वापस लेने की जरूरत नहीं है लेकिन कुछ बदलाव जरूरी हैं।
भारतीय किसान संघ के  सेक्रेटरी दिनेश कुलकर्णी ने बताया कि किसान संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में यह फैसला लिया गया है। कुलकर्णी ने कहा कि हम किसानों को बताएंगे कि कृषि कानूनों को लेकर हमारी क्या मांग है। हमारी मांग है कि सरकार यह सुनिश्चित करे कि किसानों को फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य मिले। जो भी ट्रेडर्स किसानों से सीधे उत्पाद खरीदे वह न्यूनतम समर्थन मूल्यू (एमएसपी) से कम न हो। साथ ही ट्रेडर्स के रजिस्ट्रेशन का भी प्रावधान हो। अभी जिस ट्रेडर के पास पैन कार्ड है वह किसान से जाकर सीधे खरीद कर सकता है।
हर जिले में कृषि अदालत बनाने की भी हमारी मांग है। भारतीय किसान संघ नेता ने कहा कि हमारे करीब 1 लाख कार्यकर्ता 26 जनवरी को 50 हजार गांव कवर करेंगे और किसानों से बात करेंगे।
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