विश्वास नहीं होता लेकिन यह सच है कि कश्मीर में मूवीज, एंटरटेनमेंट लौट रहा (Multiplex in Kashmir) है। गुजरे जमाने की हिंदी फिल्म कश्मीर की कली और उस फिल्म का गाना ये चांद सा रोशन चेहरा, ज़ुल्फ़ों का रंग सुनहरा, ये झील सी नीली आँखें, कोई राज़ है इनमें गहरा, तारीफ़ करूँ क्या उसकी, जिसने तुम्हें बनाया… और इशारों ही इशारों में दिल लेने वाले, बता ये हुनर तूने सीखा कहां से…जब कहीं बजने लगते हैं तो आज भी आशिकों के दिल हिलोरे मारने लगते हैं। ये गाने उस समय के रोमांटिक हीरो शम्मी कपूर और शर्मिला टैगोर पर फिल्माए गए था। पूरी फिल्म कश्मीर में शूट हुई थी। लगभग 25 दिन का शेड्यूल था।
उस समय के कश्मीर को 35 एमएम के पर्दे पर देख कर लोग श्रीनगर घूमने जाते थे। डल लेक में उसी अंदाज में आनंद लेते थे। बॉलीवुड की सबसे पसंदीदा जगह कश्मीर हुआ करती थी। अब कश्मीर में मूवीज, एंटरटेनमेंट लौट रहा (Multiplex in Kashmir) है, शूटिंग और भी जोरदार तरीके से होंगी। कश्मीर का आवोहवा बदल रही है। कश्मीर में मूवीज, एंटरटेनमेंट (Multiplex in Kashmir) सब कुछ पहले जैसा हो जाएगा।
कश्मीरी सिनेमा के इतिहास में 1990 का ऐसा दशक आया कि सब कुछ धुआं-धुआं हो गया। आतंकियों ने केवल कश्मीरी पंडितों पर कहर ढाया, उनका नरसंहार किया, दुकानों-मकानों के साथ सिनेमाघरों को भी आग लगा दी गईं। सिनेमाघर के मालिकों का कत्ल कर दिया गया। बॉलीवुड ने भी कश्मीर आना बंद कर दिया। सब कुछ खत्म सा हो गया। गीत-संगीत और मनोरंजन के लिए मशहूर कश्मीर में फिजा की जगह खिजां ने ले ली। कहते हैं कि अंधेरी रात लंबी हो सकती हैं लेकिन सुबह आती है और रोशनी होती है। 5 अगस्त 2019 के बाद अंधेरा छटा… और अब घाटी में रोशनी है। एक बार फिर सिनेमा घर खुलने वाले हैं। पाकिस्तान फिर जल-भुनकर राख हो जाएगा। हालांकि पाकिस्तान के कुछ इंटलेक्चुअल्स कहते हैं, पीओके भारत का हिस्सा है, उसे भारत को सौंप दो। तुम चैन से जियो और उन्हें भी चैन से जीने दो।
कश्मीर घाटी में सिनेमा 30 साल बाद लौट रहा है। नया सिनेमा बन कर तैयार है। सिनेमाघर नहीं, मॉडर्न मल्टी प्लेक्स है। इसमें तीन स्क्रीन हैं। सवा पांच सौ दर्शकों की कैपेसिटी है। उम्मीद है कि दि कश्मीर फाइल्स इस नए मल्टीप्लेक्स की स्क्रीन पर चलेगी। कश्मीर के वो बच्चे-युवा जिन्हें ‘बरगलाया’ गया, उनके सामने सच्चाई आ सकेगी।
लगभग 30 सालके लंबे समय बाद सिनेमा कश्मीर घाटी में लौट रहा है. कश्मीर के युवाओं को मनोरंजन प्रदान करने के उद्देश्य से श्रीनगर शहर में पहला मल्टीप्लेक्स खुल रहा है. आतंकवाद की शुरुआत के साथ ही 90 के दशक की शुरुआत में घाटी में सिनेमा हॉल बंद करवा दिए गए थे. उस वक्त कश्मीर में करीब 15 सिनेमा हॉल थे और ये सभी दशकों पहले बंद कर दिए गए हैं.
श्रीनगर के शिवपोरा में बने इस मल्टीप्लेक्स में कश्मीरियत का अहसास मिलता है. मालिकों ने कश्मीरी पारंपरिक ‘खतमबंद’ छत और पेपर माची डिजाइनों को शामिल किया है. इसे सितंबर के महीने में लोगों के लिए खोल दिया जाएगा. इस मल्टीप्लेक्स के मालिक कश्मीरी पंडित विकास धर हैं।
घाटी में सिनेमाघरों की सुरक्षा को लेकर चिंताएं अभी भी हैं लेकिन विकास धर का कहना है कि पहला कदम तो किसी को उठाना ही था। अब घाटी के उन लोगों के फोन आ रहे हैं जिनके पहले सिनेमाघर थे। अब वो भी बंद पड़े सिनेमाघरों को खोलने की प्लानिंग कर रहे हैं। बॉलिवुड से भी शूटिंग करने लिए क्रू आने लगे हैं।
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