आपदा राहत टीमों ने आज उन 85 से अधिक पर्यटकों को बचाया, जो राज्य के सबसे ऊंचे झरने मुथ्याला धारा की यात्रा से लौट रहे थे, जो तेलंगाना के मुलुगु ज़िले के एक गहरे जंगल में फंसे हुए थे।
अपनी वापसी यात्रा पर पर्यटक इसलिए फंस गये थे, क्योंकि लगातार बारिश के कारण स्थानीय जलधाराओं में जल स्तर अचानक बढ़ गया था और पानी के तेज़ प्रवाह से उनके बह जाने का ख़तरा पैदा हो गया था।
बचाव अभियान चलाने के लिए साइट पर तैनात स्थानीय पुलिस के साथ-साथ राष्ट्रीय आपदा राहत बल (NDRF) की टीमों ने फंसे हुए पर्यटकों को धारा पार न करने, ऊंची ज़मीन पर रहने और अपनी मोबाइल बैटरी सुरक्षित रखने की सलाह दी।
मुलुगु के पुलिस अधीक्षक गौश आलम ने बुधवार रात एएनआई को बताया, “ज़िला आपदा प्रतिक्रिया बल और NDRF स्थानीय पुलिस के साथ मौक़े पर तैनात हैं और पर्यटकों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। हमने पर्यटकों से मोबाइल पर बात की है और सुझाव दिया है कि वे पानी की धारा से दूर रहें और बैटरी लाइफ़ बचायें। सुबह तक सभी पर्यटकों को बचा लिया जायेगा। बचाव अभियान जारी है।”
ऑपरेशन के बाद अधिकारियों ने उनके स्वास्थ्य पर ध्यान दिया और चिकित्सा सेवायें प्रदान कीं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़, 90 प्रतिशत पर्यटकों का स्वास्थ्य ठीक बताया गया है। हालांकि, एक नाबालिग़ लड़के को बिच्छू ने काट लिया है।
तेलंगाना के कई ज़िलों में आज भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है। राज्य सरकार ने आज सभी शैक्षणिक संस्थानों में छुट्टियों की घोषणा कर दी है।