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शादी के नए कानून से परेशान हैदाराबादी भाईजान, धड़ाधड़ करवा रहे मुस्लिम लड़कियों के निकाह

शादी के नए कानून से परेशान हैदाराबादी भाईजान

शादी के नए कानून से हैदराबादी भाईजान यानी असदुद्दीन ओवैसी परेसान हो गए हैं। जिसके बाद वो धड़ाधड़ मुस्लिम लड़कियों की शादियां करवा रहे हैं। इतना ही नहीं शादी की बढ़ती मांग को देखते हुए काजियों के भाव सातवें आसमान पर पहुंच गए हैं। इसके साथ ही हैदराबाद में इस वक्त निकाह के लिए लंबी-लंबी कतारें लगी हुई हैं, जिसमें दुल्हा-दुल्हन अपनी बारी आने का इंतजार कर रहे हैं।

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दरअसल, बाल विवार निषेध (संशोधन) विधेयक, 2021 कानून अगर बन जाता है तो, लड़कियों की शादी की उम्र की सीमा 21 साल हो जाएगी। लेकिन मुसलमान निकाह में इसे कानून बाधाए मान रहे हैं। जिसके चलते हैदराबदा के पुराने इलाकों की मस्जिदों में निकाह के लिए लंबी लाइन चल रही है। इस कानून के लागू होने से पहले मुस्लिम निकाह कर लेना चाहते हैं। इन मस्जिदों में जो निकाह हो रहे हैं उनमें दुलहनों की उम्र 18 से 20 साल के बीच है। अधिकांश की शादी 2022-2023 में किसी समय होनी थी, लेकिन बिल पास होने के डर ने उनके परिवारों में हड़बड़ी है और वह तय तारीख से पहले ही शादी करने की होड़ में हैं।

बिल के बारे में सुनते ही लोगों में भगदड़ मच गई। जो शादियां बाद में होने वाली थी उनके लिए अभी से मुल्ला-मौलियों से नई तारीख निकाल कर नीकाह कराया जा रहा है। बता दें कि, राज्य में शादी मुबारक योजना भी चलाई जा रही है। 2014 में टीआरएस सरकार ने यह योजना शुरू की थी। यह योजना एससी, एसटी, ईबीसी या अल्पसंख्यकों को 1 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करती है। योजना के लाभ के लिए लड़कियों की उम्र कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए।

इसके साथ ही इलाके के एक स्थानीय नेता फिरोज खान ने कहा कि परिवार निकाह करवा रहे हैं ताकि वे तुरंत योजना के लिए आवेदन कर सकें और अगले कुछ महीनों में उन्हें सहायता मिल सके। एक बार प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद, वह निकाह कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि अगले कुछ दिनों तक इलाके में 40 से ज्यादा निकाह होने वाले हैं। वहीं, निकाह की लिस्ट में अजीज अहमद की 18 साल भतीजी भी शामिल है। इस बारे में उनका कहना है कि, उनके बड़े भाई और भाभी का देहांत हो चुका है। दादी ने बच्चे को पाला है। अब यदि बिल लागू होता है तो अगले ती वर्षों तक उसकी देखभाल कौन करेगा। इसलिए अब वे उसकी शादी 31 दिसंबर को करने जा रहे हैं।

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वहीं, नए बिल पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, मुस्लिम धर्मगुरु और अमरत-ए-मिल्लत-ए-इस्लामिया तेलंगाना और आंध्र के अमीर (प्रमुख) मौलाना जफर पाशा ने कहा कि यह मुस्लिम पर्सनल लॉ में घुसपैठ है। इस्लाम में, एक मुस्लिम लड़की यौवन प्राप्त करने के बाद शादी कर सकती है। यदि बिल पारित हो जाता है, तो इन लड़कियों की सुरक्षा संबंधी कई मुद्दे होंगे।