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मोबाइल यूज़र्स की सेफ़्टी के लिए KYC और PoS मानदंड हुए सख़्त

New Norms For KYC & PoS: मोबाइल फ़ोन यूज़र्स को ज़्यादा सुरक्षा प्रदान करने और एक सुरक्षित और स्वच्छ डिजिटल उपयोग प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने आज नये Point-of-Sale  (PoS ) और KYC सुधार शुरू किए।

दूरसंचार विभाग द्वारा आज जारी एक बयान के अनुसार, किसी ग्राहक की विशिष्ट पहचान करने और उसे दूरसंचार सेवायें प्रदान करने से पहले उसका पता लगाने की मौजूदा KYC प्रक्रिया को और मज़बूत किया गया है। इससे दूरसंचार सेवाओं के ग्राहकों के लिए किसी भी संभावित धोखाधड़ी से सुरक्षा बढ़ेगी और डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र में आम जनता का विश्वास बढ़ेगा।

*मुद्रित आधार के दुरुपयोग को रोकने के लिए मुद्रित आधार के QR code को स्कैन करके जनसांख्यिकीय विवरण अनिवार्य रूप से लिया जायेगा। मोबाइल नंबर के डिसकनेक्ट होने की स्थिति में 90 दिनों की समाप्ति तक इसे किसी अन्य नये ग्राहक को आवंटित नहीं किया जायेगा। एक ग्राहक को अपना सिम बदलने के लिए पूरी KYC करानी होगी और आउटगोइंग और इनकमिंग एसएमएस सुविधाओं पर 24 घंटे की रोक होगी।

*आधार E-KYC प्रक्रिया में अंगूठे के निशान और आईरिस-आधारित प्रमाणीकरण के अलावा, चेहरे आधारित बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण की भी अनुमति है।

*संस्थाओं (उदाहरण के लिए कंपनी, संगठन, ट्रस्ट, सोसायटी आदि) को मोबाइल कनेक्शन जारी करने के लिए व्यावसायिक कनेक्शन की शुरूआत। संस्थायें अपने सभी अंतिम यूज़र्स की KYC पूरी करने की शर्त पर किसी भी संख्या में मोबाइल कनेक्शन ले सकती हैं। अंतिम यूज़र्स के सफल केवाईसी और इकाई के परिसर/पते के भौतिक सत्यापन के बाद ही सिम सक्रिय किया जायेगा।

*प्वाइंट-ऑफ़-सेल (PoS ) पंजीकरण सुधार: यह सुधार लाइसेंसधारियों द्वारा फ्रेंचाइजी, एजेंटों और वितरकों (पीओएस) के अनिवार्य पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू करता है। इससे उन गड़बड़ पीओएस को ख़त्म करने में मदद मिलेगी, जो धोखाधड़ी करके असामाजिक/राष्ट्र-विरोधी तत्वों को सिम जारी करते हैं।

PoS पंजीकरण प्रक्रिया में लाइसेंसधारी द्वारा POS का निर्विवाद सत्यापन शामिल है। यह प्रक्रिया PoS और लाइसेंसधारियों के बीच लिखित समझौते को अनिवार्य करती है। यदि कोई PoS किसी भी अवैध गतिविधियों में शामिल होता है, तो उसे समाप्त कर दिया जायेगा और 3 साल की अवधि के लिए ब्लैकलिस्ट कर दिया जायेगा। इस प्रक्रिया के अनुसार, सभी मौजूदा PoS को 12 महीने के भीतर लाइसेंसधारियों द्वारा पंजीकृत किया जायेगा।

इससे लाइसेंसधारियों की प्रणाली से गड़बड़ PoS की पहचान करने, उसे ब्लैक लिस्ट में डालने और समाप्त करने में मदद मिलेगी और ईमानदार PoS को प्रोत्साहन मिलेगा।

दूरसंचार विभाग ने कहा है कि इस सख़्त और व्यापक उपायों के माध्यम से सरकार का लक्ष्य ग्राहक सुरक्षा को मज़बूत करना और दूरसंचार धोखाधड़ी के बढ़ते ख़तरे के ख़िलाफ़ सुरक्षा को मज़बूत करना है।

आधिकारिक बयान में कहा गया है कि अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी को सतर्क निगरानी के साथ जोड़कर विभाग सभी के लिए एक सुरक्षित और विश्वसनीय संचार वातावरण प्रदान करने के लिए दूरसंचार परिदृश्य के भीतर उच्चतम स्तर की सुरक्षा और विश्वास को बढ़ावा देने के मिशन के प्रति प्रतिबद्ध है।

इसे भी पढ़ें :भारत का दबदबा: अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ के 6 G Vision को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता भारत

आईएन ब्यूरो

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