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Organic Vegetables का ब्रिटेन दिवाना, भारत के किसान की लाखों में कमाई

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Organic Vegetables: केंद्र नरेंद्र मोदी की सरकार आने के बाद से देश हर एक क्षेत्र में काफी तेजी से तरक्की कर रहा है। पीएम मोदी के आने के बाद से किसानों को अच्छा-खासा लाभ हुआ है। कई सारी ऐसी स्कीमों को लॉन्च किया गया है जो किसानों के हित में हैं। सरकार हर तीमाही 10 करोड़ से भी ज्यादा जरूरतमंद किसनों के खाते में दो हजार रुपये की आर्थिक मदद करती है। इसके साथ ही खेती करने के लिए लोन की सुविधा कम ब्याज पर बेहद ही आसान कर दिया है। इसके अलावा अन्य फायदेमंद खेती को लेकर किसानों को जागरुक किया जा रहा है। इसका एक नहीं बल्कि कई उदाहरण मिल जाएगा। लेकिन, फिलहाल हम बात करेंगे उत्तर प्रदेश के बनारस से सटे गजीपुर के एक किसान की जिनकी आर्गेनिक सब्जियों का ब्रिटेन (Organic Vegetables) भी दिवाना हो गया है और उनकी आमदनी कम से कम 10 लाख रुपये सालान है। उनकी ऑर्गेनिक सब्जियां ब्रिटेन (Organic Vegetables) के साथ अन्य यूरोपीय देशों में भी पसंद की जाती है।

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करीमुद्दीनपुर के रहने वाले पंकज राय खेती को आगे बढ़ाना चाहते हैं। पंकज राय ऑर्गेनिक विधि से फलों और सब्जियों उगाकर कर विदेशों तक एक्सपोर्ट कर रहे हैं। एनडीटीवी में छपी एक लेख के मुताबिक फिलहाल उनके फार्म हाउस में उगी सब्जियां ब्रिटेन और अन्य यूरोपियन यूनियन देशों में भेजी जा रही हैं। पंकज के मुताबिक इन्हें अपने ऑर्गेनिक खेती के प्रोजेक्ट से सालाना 8 से 10 लाख का मुनाफा हो रहा है। पंकज अपने क्षेत्र के किसानों को भी ऑर्गेनिक खेती से जुड़ी निशुल्क ट्रेनिंग देने की योजना पर कार्य कर रहे हैं।

उन्होंने जून 2020 में विदेशों में सब्जियों को एक्सपोर्ट करना शुरू किया। कोरोना महामारी की पहली लहर के दौरान जब किसानों को कृषि उत्पादों की सही कीमत नहीं मिल रही थी तो उन्होंने ये पैसा कमाया। उन्होंने भारत सरकार की संस्था कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) की मदद से 10 टन लौकी और 1 क्विंटल हरी मिर्च को लंदन के बाजारों में एक्सपोर्ट किया था। करीब 3 साल पहले 30 लाख की लागत से 2500 स्क्वायर मीटर क्षेत्रफल में पाली हाउस का निर्माण कराया था। अब हर साल इन्हें पाली हाउस में फलों और सब्जियों के उगाने से 8 से 10 लाख तक का सालाना आय हो रहा है। पंकज बताते है कि खुले खेतों की तुलना में पाली हाउस में फलों और सब्जियों की पैदावार 3 से 4 गुना बढ़ जाती है।

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वो इस पॉलीहाउस में स्ट्रॉबेरी और कश्मीरी केसर तक की बुवाई करते हैं। उनके फॉर्म हाउस में मिर्च, टमाटर, बैंगन आदि की नर्सरी भी किसानों को बिक्री के लिए कराई जाती है। इसके साथ ही छोटे पैमाने पर सब्जी उगाने वाले किसानों को वह अपनी ओर से निशुल्क नर्सरी भी उपलब्ध कराते हैं। अपने फार्म हाउस की कुल 25 फीसदी नर्सरी वह किसानों के बीच निशुल्क ही बांट देते हैं। फिलहाल उनके फार्म हाउस में 100 रुपए सैकड़ा की दर से मिर्च, 80 रुपए सैकड़ा के दर से टमाटर और 60 रुपए सैकड़ा के दर से बिक्री के लिए उपलब्ध है।