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इनते राज्यों कि ATS मिलकर गजवा-ए-हिन्द पर कसेगी शिकंजा- WhatsApp ग्रुप में 100 से अधिक आतंकी

ATS मिलकर गजवा-ए-हिन्द पर कसेंगी शिकंजा

फुलवारीशरीफ गजवा-ए-हिन्द आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ होने के बाद हर दिन इसे लेकर नए-नए चौकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। ये इंडिया वजीन 2047 पर काम कर रहे थे। इनका टार्गेट था 2047 तक भारत को इस्लामिक देश बनाना। दिल्ली आइबी के इनपुट पर फुलवारी शरीफ की पुलिस टीम ने देश विरोधी गतिविधियों में शामिल रहने वाले प्रतिबंधित कट्टरपंथी संगठन सिमी के पूर्व सदस्य अतहर परवेज और झारखंड पुलिस से रिटायर्ड दारोगा मो जलालुद्दीन को गिरफ्तार किया था। फुलवारीशरीफ थाने में पीएफआई और गजवा-ए-हिन्द आतंकी मॉड्यूल को लेकर प्राथमिकी दर्ज की गई है। अभी तक दोनों ही केस पटना पुलिस के पास है। बुधवार को दोनों मामले एटीएस को सौंपने के लिए पटना के एसएसपी द्वारा पुलिस मुख्यालय को पत्र लिखा गया है। जल्द दोनों मामले की जांच एटीएस को सौंपे जाने की संभावना है। इसके बाद 4 राज्यों की ATS गजवा-ए-हिन्द पर शिकंजा कसेगी।

बिहार के साथ यूपी, महाराष्ट्र और तेलंगाना एटीएस भी गजवा-ए-हिन्द के आतंकी मॉड्यल पर शिकंजा कसने में जुट गई है। देश विरोधी साजिश को डिकोड करने में इन चार राज्यों की एटीएस के साथ ही केंद्रीय एजेंसियां एनआई, रॉ और आईबी भी पूरा सहयोग कर रही है। बिहार पुलिस द्वारा गिरफ्तार संदिग्ध मरगूब अहमद दानिश उर्फ ताहिर से पूछताछ में मिली जानकारी के बाद पटना में बुधवार को एक बार फिर इन एजेंसियों की हाईलेबल मीटिंग हुई। खबर है कि, बिहार में सामने आए गजवा-ए-हिन्द व्हाट्सएप ग्रुप की तरह ही इसी नाम से महाराष्ट्र, यूपी व दूसरे राज्यों में भी आतंकी साजिश रची जा रही है। यही वजह है कि चारों राज्यों की एटीएस की बैठक बुधवार को पटना में हुई। इसमें केन्द्रीय जांच व खुफिया एजेंसियों के अफसर भी मौजूद रहे

JMB से हो सकता है असगर का कनेक्शन

पूर्वी चंपारण जिले के ढाका स्थित जामिया मारिया निस्वा मदरसे से मंगलवार शाम लखनऊ एनआईए की टीम ने मुफ्ती असगर अली को गिरफ्तार किया था। इसका कनेक्शन बांग्लेदश के आथंकी संगठन जमात ए मुजाहिद्दीन बांग्लादेश (JMB) से जुड़ता नजर आ रहा है। भोपाल में उक्त संगठन की सक्रियता के बाद एक मामले में असगर अली की गिरफ्तारी इसी ओर इशार करती है। इसके साथ ही यह बात पहले ही पुख्ता हो चुकी है कि, आतंकी ग्रुप में बड़ी संख्या में विदेशी शामिल हैं।

खबर है कि, दोनों ही वाट्सएप ग्रुप में 100 से अधिक नंबर पाकिस्तान के हैं। इसके बाद बड़ी संख्या में बांग्लादेशी मोबाइल नंबर भी हैं। भारत के भी कई नंबर हैं, जिसे डिकोड करने का प्रयास एटीएस कर रही है। गजवा-ए-हिन्द मॉड्यूल की जांच आगे बढ़ने के साथ इसके तार दूसरे आतंकी संगठनों से भी जुड़ गए हैं। जांच एजेंसियों को गजवा-ए-हिन्द में शामिल संदिग्धों के संबंध बांग्लादेशी आतंकी संगठन जमीयत-उल-मुजाहीदीन (जेएमबी) से होने के साक्ष्य मिले हैं। जेएमबी भारत में कई आतंकी वारदात में शामिल रहा है और इसके कई सदस्यों की पहले ही गिरफ्तारी हो चुकी है। वहीं, रिमांड पर लिए गए संदिग्ध मरगूब से दूसरे दिन भी एटीएस और एनआईए की पूछताछ जारी रही। मरगूब से जांच एजेंसियों को कई अहम जानकारी हाथ लगी है। उसी के आधार पर इस मॉड्यूल से जुड़े अन्य संदिग्धों की तलाश शुरू कर दी गई है।