राष्ट्रीय

Pakistan के जिहादियों से जुड़े PFI के तार, बैन लगा तो ओवैसी के निकले आंसू

काफी लंबे समय से देश में आतंकी गतिविधियो में शामिल पीएफआई (PFI Banned) को आखिरकार यूनियन गवर्नमेंट ऑफ इंडिया यानी भारत सरकार ने प्रतिबंधित कर दिया है। पिछले दिनों बिहार और उत्तर प्रदेश में पकड़े गए आतंकियों से पीएफआई (PFI Banned) के सीधे संबंध पाए गए थे। तभी से माना जा रहा था कि पीएफआई पर बैन लग सकता है। इसके बावजूद पीएफआई (PFI Banned) अपने जलसे-जुलूस आयोजित करता रहा। सवाल यह उठता है कि एलआईयू, और इन्टेलिजेंस ब्यूरो के सक्रिए होने के बावजूद ये संगठन पैदा ही क्यों हो जाते हैं। ध्यान रहे, पीएफआई की राजनीतिक यूनिट एसडीपीआई 2012 से पहले से सक्रिए है।

अब तक कौन-कौन से संगठन हुए बैन

पीएफआई ने अपनी पैरेलल फौज भी बनानी शुरू कर दी थी। साउथ के कई राज्यों में पीएफआई के कैडर सैनिक वेश-भूषा यानी यूनिफॉर्म फ्लैगमार्च भी करके स्थानीय जनता में अपना खौफ फैलाते थे। पीएफआई के संबंध आईएसआई और आईएसआईएस से भी पाए गए हैं। सरकारी सूत्रों का कहना है कि पीएफआई (PFI Banned) पहले से प्रतिबंधित स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया का ही बदला हुआ नाम और रूप है। आईए जानते हैं कि पीएफआई से पहले भारत सरकार किन संगठनों को प्रतिबंधित कर चुकी है और पीएफआई को बैन करने से पहले सरकार ने इस संगठन को बैन करना क्यों जरूर बताया हैः

कौन-कौन से संगठन किए गए हैं बैन? गृह मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, अनलॉफुल एक्टिविटीज 1967 के सेक्शन 35 के तहत कई संगठनों पर बैन लगाया गया है। सरकार ने दो सूचियां प्रकाशित की हैं। ये दोनों सूचियां इस प्रकार हैं। इन सूचियों के बाद जानेंगे पीएफआई पर बैन लगाना क्यों जरूरी था

::पहली सूची::

  • पीएफआई पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI Banned), एवं सभी नौ संगठन
  • इस्लामिक स्टेट/ इस्लामिक स्टेट ऑफ ईराक एण्ड लेवेंट/ इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एण्ड सीरियाI/दायषI/ आईएसएकेपी/आईएसआईएस विलायत खुरासान/ इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक ऑफ शाम-खोरेसान और इसके सभी स्वरूप
  • अल बद्र
  • जमीयत-उल-मुजाहिदीन
  • अल-कायदा
  • दुख्तारन-ए-मिल्लत (डीईएम)
  • बब्बर खालसा इंटरनेशनल
  • खालिस्तान कमांड फोर्स
  • खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स
  • इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन
  • लश्कर-ए-तैयबा/पासबन-ए-अहले हदीस
  • जैश-ए-मोहम्मद / तहरीक-ए-फुरकान
  • हरकत-उल-मुजाहिदीन/ हरकत-उल-अंसार
  • हिज़्ब-उल-मुजाहिदीन
  • अल-उमर अल-मुजाहिदीन
  • जम्मू एंड कश्मीर इस्लामिक फ्रंट
  • यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा)
  • नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (एनडीएफबी)
  • पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए)
  • यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (यूएनएलएफ)
  • पीपुल्स रिवोल्यूशनरी पार्टी ऑफ कंगलीपाक (PREPAK)
  • कंगलीपाक कम्युनिस्ट पार्टी (केसीपी)
  • कंगलेई याओल कानबा लुप
  • मणिपुर पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट (एमपीएलएफ)
  • ऑल त्रिपुरा टाइगर फोर्स
  • नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा
  • लिबरेशन टाइगर्स ऑफ़ तमिल ईलम (LTTE)
  • स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया
  • दीनदर अंजुमन
  • भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनिस्ट)
  • माओवादी कम्युनिस्ट सेंटर (एमसीसी)
  • तमिलनाडु लिबरेशन आर्मी (TNLA)
  • तमिल नेशनल रिट्रीवल ट्रूप्स (TNRT)
  • अखिल भारत नेपाली एकता समाज (ABNES)
  • सीपीआई( एम) और इसके सभी रूप में उभरे संगठन और सभी फ्रंटल ऑर्गेनाइजेशन
  • इंडियन मुजाहिदीन और इससे जुड़े सभी संगठन
  • गारो नेशनल लिब्रेशन आर्मी और इससे जुड़े सभी संगठन
  • कामतापुर लिब्रेशन ऑर्गेनाईजेशंस और इससे जुड़े सभी संगठन
  • नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैण्ड (खाफलांग) और इसके सभी स्वरूप और संबद्ध सभी संगठन
  • खालिस्तान लिब्रेशन फोर्स और इसके सभी स्वरूप
  • तहरीक-ए- मुजाहिद्दीन और इसके सभी स्वरूप
  • जमात-उल-मुजाहिद्दीन बांग्लादेश, जमात उल मुजाहिद्दीन हिंदुस्तान और इसका कोई भी स्वरूप

::दूसरी सूची::

1-  स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया

2- यूनाइटेड लिब्रेशन फ्रंट ऑफ असम

3- नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑप बोडोलैण्ड

4- मितेई एक्सट्रमिस्ट ऑर्गेनाइजेशन और इससे जुड़े सभी संगठन

5- ऑल त्रिपुरा टाइगर फोर्स

6- नेशनल लिब्रेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा

7- एचएनएलसी

8- लिब्रेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम

9- नेशनल सोशिलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैण्ड (खापलांग)

10- इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन

11- जमात-ए-इस्लामी जम्मू-कश्मीर

12- जम्मू कश्मीर लिब्रेशन फ्रंट (मोहम्मद यासीन मलिक गुट)

 

उपरोक्त आतंकी संगठनो के अलावा पीएफआई (PFI Banned) को प्रतिबंधित करना क्यों जरूरी था?

  • सरकरा ने कहा है कि पीएफआई (PFI Banned) ने समाज के विभिन्न वर्गों जैसे युवाओं, छात्रों, महिलाओं, इमामों, वकीलो या समाज के कमजोर वर्गों के बीच अपनी पहुंच बढ़ाने के उद्देश्य से अपने सहयोगी संगठनों या सम्बद्ध संस्थाओं या अग्रणी संगठनों की स्थापना की है। इसका एकमात्र उद्देश्य इसकी सदस्यता, प्रभाव और फंड जुटाने की क्षमता बढ़ाना है।
  • पीएफआई (PFI Banned) और इसके सहयोगी संगठन या संबद्ध संस्ताएं या अग्रणी संगठन सार्वजनिक तौर पर एक सामाजिक-आर्थिक और राजनैतिक संगठन के रूप में कार्य करते हैं। हालांकि, ये गुप्त एजेंडे के तहत समाज के एक वर्ग विशेष को कट्टर बनाकर लोकतंत्र की अवधारणा को कमजोर करने की दिशा में कार्य करते हैं तथा देश के संवैधानिक प्राधिकार और संवैधानिक ढांचे के प्रति घोर अनादर दिखाते हैं।
  • पीएफआई और इसके सहयोगी संगठन या संबद्ध संस्थाएं या अग्रणी संगठन गैर-कानूनी गतिविधियों में संलिप्त हैं जो देश की अखंडता, संप्रभुता और सुरक्षा के खिलाफ है। इससे शांति और सांप्रदायिक सद्भाव का माहौल खराब होने और देश में उग्रवाद को प्रोत्साहन मिलने की आशंका है।
  • पीएफआई (PFI Banned) के संस्थापक सदस्य स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया यानी सिमी (SIMI) के नेता रहे हैं और पीएफआई का संबंध जमात-उल-मुजाहिद्दीन यानी जेएमबी (JMB) से भी रहा है। ये दोनों संगठन प्रतिबंधित हैं।
  • पीएफआई के वैश्विक आतंकवादी समहूों, जैसे इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया यानी आईसआईएस (ISIS) के साथ अंतरराष्ट्रीय संपर्क के कई उदाहरण हैं।
  • पीएफआई और इसके सहयोगी संगठन या संबद्ध संस्थाएं या अग्रणी संगठन चोरी-छिपे देश में असुरक्षा की भावना को बढ़ावा देकर एक समुदाय के कट्टरपंथ को बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं। इसकी पुष्टि इस तथ्य से होती है कि इसके कुछ सदस्य अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठनों से जुड़ चुके हैं।
  • केंद्रीय सरकार का यह मत है कि इन कारणों से विधिविरुद्ध क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम 1967 यानी UAPA, 1967 की धारा 3 की उप-धारा 1 के अधीन अपनी शक्तियों का प्रयोग करना आवश्यक है।
  • अगर पीएफआई (PFI Banned) और इसके सहयोगी संगठन या संबंध संस्थाओं या अग्रणी संगठनों के गैर-कानूनी क्रियाकलापों पर तत्काल रोक या नियंत्रण न लगाया गया तो पीएफआई और इसके सहयोगी संगठन या संबंध संस्थाएं या अग्रणी संगठन विध्वंसात्मक गतिविधियों को जारी रखेंगे, आतंक आधारित रिग्रेसिव रिजीम को प्रोत्साहित करेंगे, एक वर्ग विशेष के लोगों में देश के प्रति असंतोष पैदा करेंगे और देश की अखंडता, सुरक्षा और संप्रभुता के लिए खतरा पैदा करने वाली गतिविधियों को और तेज करेंगे।
  • पीएफआई (PFI Banned) को दक्षिण भारत में तीन मुस्लिम संगठन केरल का नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट इन केरल, कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी और तमिलनाडु में मनिथा नीति पासराई के विलय के जरिए स्थापित किया गया। इसके बाद से पीएफआई देशभर में कार्यक्रम कर रहा है। और अपनी विचारधारा का विस्तार कर रहा है। स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) पर लगे बैन के बाद पीएफआई ने देशभर में अपने पांव पसारे हैं।

इसे भी पढ़ेंः केरल को कश्मीर बनाने की PFI की साजिश

Rajeev Sharma

Rajeev Sharma, writes on National-International issues, Radicalization, Pakistan-China & Indian Socio- Politics.

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