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मोदी-मोदी के नारों और तालियों की गड़गड़ाहट से गूंजी अमेरिकी संसद! फिर सांसद में लगी ऑटोग्राफ लेने की होड़

PM Modi IN US

PM Modi IN US:आज भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक अलग ही पहचान बना दी है। भारत आज उन सारे विकासशील देशो के साथ कंधे से कन्धा मिला कर चल रहा है जहा पहुंचना के लिए अभी काफी दुरी का सफर पूरा करना था। पीएम मोदी ने अमेरिकी संसद को संबोधित किया। संबोधन के दौरान कई ऐसे मौके आए जब पूरे सदन ने खड़े होकर पीएम मोदी का तालियों से अभिवादन किया। भाषण के दौरान मोदी-मोदी के नारे भी लगे। पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा कि मैं दबाव मनाने-समझाने और नीति की लड़ाई से संबंधित हो सकता हूं। उन्होंने कहा कि मैं विचारों और विचारधारा की बहस को समझ सकता हूं, लेकिन मुझे यह देखकर खुशी हो रही है कि आप आज दुनिया के दो महान लोकतंत्रों भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच संबंधों का जश्न मनाने के लिए एक साथ आए हैं।

मोदी-मोदी के नारों और तालियों की गड़गड़ाहट से गूंजी अमेरिकी संसद

पीएम मोदी (PM Modi IN US) के इतना कहते ही पूरा सदन खड़े होकर तालियां बजाने लगा। सदन में सीटियां बजने लगीं। इस दौरान सदन में मोदी-मोदी के नारे भी लगे। इसके बाद सदस्यों के बैठने के बाद पीएम ने फिर आगे बोलना शुरू किया। पीएम मोदी के स्पीच के दौरान यह उत्साह देखते ही बनता था। जब सदन में सदस्य तालियां बजाने लगे तो पीएम मोदी ने अपनी स्पीच को रोक दिया। अमेरिकी कांग्रेस कुछ देर तक लगातार तालियों की गड़गड़ाहट, सीटियों और मोदी-मोदी के नारों से गूंजती रही।

सदस्यों जब अपनी सीट पर बैठे तब पीएम मोदी ने फिर से अपनी स्पीच को आगे बढ़ाया। पीएम मोदी ने कहा कि जब भी आपको एक मजबूत द्विदलीय सहमति की आवश्यकता हो तो मुझे मदद करने में खुशी होगी। पीएम ने कहा कि हमारे अपने घर में विचारों की लड़ाई तो होगी ही, होनी भी चाहिए, लेकिन जब हम अपने राष्ट्र के लिए बोलते हैं तो हमें एक साथ आना भी चाहिए। पीएम मोदी ने कहा कि हमने दिखाया है कि आप लोग यह कर सकते हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी सांसदों के सामने अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद का मुद्दा भी काफी जोर-शोर से उठाया। उन्होंने कहा, ‘9/11 हमले और मुंबई में 26/11 हमले के एक दशक से अधिक समय के बाद भी अभी तक कट्टरवाद और आतंकवाद पूरी दुनिया के लिए एक गंभीर ख़तरा बना हुआ है। ये विचारधाराएं नई पहचान और नया रूप लेती रहती हैं लेकिन इनके इरादे वही हैं। आतंकवाद मानवता का दुश्मन है और इससे निपटने में कोई किंतु-परंतु नहीं हो सकता। हमें आतंक को प्रायोजित और निर्यात करने वाली ऐसी सभी ताकतों पर काबू पाना होगा।’

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