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Power Crisis: भीषण गर्मी के बीच कोयले की कमी से देश में गहराया बिजली संकट, छह से 10 घंटे तक करनी पड़ रही बिजली कटौती

कोयले की कमी के कारण गहराता जा रहा संकट

इस वक्त देश में भीषण गर्मी पड़ रही है। कई जगहों पर तो रिकॉर्ड तोड़ गर्मी पड़ रही है। इस गर्मी की वजह से देश में नया संकट खड़ा हो गया है वो है बिजली का संकट। भीषण गर्मी के चलते देशभर में बिजली की मांग शुक्रवार को रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। इसके साथ ही देश में कोयले की कमी के कारण भी संकट और गहराता जा रहा है। 60ऊर्जा संयंत्र क्रिटिकल स्टेज पर हैं, यानी यहां 25से कम कोयला बचा है। राज्यों को छह से आठ घंटे तक कटौती करनी पड़ रही है। हालात से निपटने के लिए केंद्र ने शुक्रवार को 52मेल/एक्सप्रेस व यात्री ट्रेनें रद्द कर दीं ताकि उत्पादन केंद्रों तक जल्द कोयला भेजा जा सके।

वहीं, बिजली मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि, शुक्रवार को बिजली की मांग दोपहर दो बजकर 50मिनट पर 2लाख 7हजार 111मेगावाट को छू गई। यह अब तक का सबसे उच्च स्तर है। देश में 70फीसदी बिजली की मांग थर्मल पावर प्लांट से पूरी की जाती है लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद मांग और आपूर्ति में अंतर कम नहीं हो पा रहा है। देश के 164में से 106संयंत्र नाजुक स्थिति से गुजर रहे हैं और यहां जरूरत के हिसाब से चंद दिनों का ही कोयला बचा है। ऐसे में फौरन कोयला आपूर्ति नहीं हुई, तो स्थिति और गंभीर होगी।

हालात से निपटने के लिए रेलवे बेड़े में एक लाख और वैगन जोड़ने जा रहा है। डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर भी बनाया जा रहा। अस्थायी रूप से रद्द की गई लंबी दूरी की मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों के 657 फेरे शामिल हैं। रेलवे प्रतिदिन 415 से ज्यादा कोयला रेक ढो रहा है ताकि इसे जल्द पहुंचाया जा सके। इसके साथ ही केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि ताप विद्युत संयंत्रों के पास 22 मिलियन टन कोयले का भंडार है जो 10 दिनों के लिए पर्याप्त है। लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है, कमी की भरपाई की जा रही है।