Hindi News

indianarrative

आख़िर राहुल गांधी गंवा ही बैठे संसद की सदस्यता

कांग्रेस नेता राहुल गांधी के लिए आज बुरी ख़बर है। राहुल गांधी को एक 4 साल पुराना मानहानि मामले में सूरत कोर्ट की ओर से दोषी पाए जाने के बाद उन्हें 2 साल की सज़ा सुनाई गई। इसके बाद लोकसभा सचिवालय ने राहुल गांधी की सदस्यता भी ख़त्म कर दी है। दरअसल, राहुल गांधी को एक मानहानि मामले में सूरत कोर्ट ने गुरुवार को दोषी पाया था और 2 साल की सज़ा सुनाई थी। इसके बाद लोकसभा सचिवालय ने ये बड़ा फ़ैसला लिया। राहुल गांधी केरल के वायनाड से सांसद थे।

जानकारों का कहना है कि सूरत कोर्ट के फ़ैसले के बाद राहुल गांधी की संसद सदस्यता पर संशय बनी हुई थी। दरअसल ,जनप्रतिनिधि क़ानून को देखते हुए अगर किसी सांसद या फिर विधायकों को किसी मामले में 2  साल से ज़्यादा की सजा होती है,तो उनकी सदस्यता  ख़त्म हो जाएगी।साथ ही सजा ख़त्म होने की अवधि पूरी करने के अगले 6 साल तक वह व्यक्ति चुनाव लड़ने के लिए भी अयोग्य माना जाता है।

आख़िर राहुल पर क्या था मामला ?

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने 13 अप्रैल 2019 को कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी रैली में एक बयान दिया था,उस बयान में उन्होंने कहा था कि ‘नीरव मोदी,ललित मोदी,नरेन्द्र मोदी का सरनेम कॉमन क्यों है? सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है?’

राहुल के इस बयान पर बीजेपी MLA पूर्णेश मोदी ने उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा किया था। पूर्णेश मोदी ने राहुल के ख़िलाफ़ धारा 499,500 के अधीन आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था। पूर्णेश मोदी ने कहा कि राहुल गांधी चुनावी रैली को संबोधित करते हुए पूरे मोदी समुदाय को कथित रूप से बदनाम किया है।

राहुल के मामले में कोर्ट का फ़ैसला ?

दरअसल, राहुल गांधी के मोदी सरनेम वाले बयान पर सूरत कोर्ट ने  दायर मानहानि मामले में दोषी पाते हुए 2 साल की सज़ा सुनाई। हालांकि ,कोर्ट ने राहुल गांधी को 15 हज़ार रुपए के निजी मुचलके पर ज़मानत देते हुए अपील करने के लिए 30 दिन का समय दिया है। इस बीच राहुल गांधी ऊपरी कोर्ट में सज़ा को चुनौति दे सकते हैं।

कोर्ट ने अपने जजमेंट में कहा कि आरोपी ख़ुद एक सांसद हैं और सुप्रीम कोर्ट के कहने के बाद भी उनके आचरण में बदलाव नहीं हो पाया है।