Hindi News

indianarrative

कारगिल विजय दिवस पर राजनाथ: “ज़रूरत पड़ी,तो भविष्य में LOC करेंगे पार”

बुधवार को द्रास युद्ध स्मारक पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे (फ़ोटो: सौजन्य: Twitter/@RajnathSingh)

Rajnath On LOC:कारगिल विजय दिवस के अवसर पर कारगिल युद्ध के शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को कहा कि 1999 का युद्ध पाकिस्तान द्वारा देश पर थोपा गया था, जिसने भारत की पीठ में छुरा घोंपा था, जबकि नई दिल्ली ने इस्लामाबाद के साथ बातचीत के माध्यम से मुद्दे को हल करने की कोशिश की थी।

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अगर पाकिस्तान क्षेत्र में शांति भंग करने की कोशिश करेगा, तो भारत दृढ़ता से जवाब देगा और भविष्य में “अगर ज़रूरत पड़ी” तो नियंत्रण रेखा (एलओसी) पार करने सहित करारा जवाब देगा।

सिंह ने बुधवार को द्रास युद्ध स्मारक पर ‘कारगिल विजय दिवस’ समारोह के दौरान सैनिकों को संबोधित करते हुए कहा, “कारगिल युद्ध भारत पर थोपा गया युद्ध था। उस समय देश ने पाकिस्तान के साथ बातचीत के ज़रिए मुद्दों को सुलझाने की कोशिश की थी। अटल जी ने स्वयं पाकिस्तान जाकर कश्मीर सहित अन्य मुद्दों को सुलझाने का प्रयास किया था। लेकिन, पाकिस्तान ने हमारी पीठ में छुरा घोंप दिया।”

कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय सैनिकों द्वारा प्रदर्शित वीरता को इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में अंकित बताते हुए सिंह ने कहा कि उन्होंने न केवल पाकिस्तान, बल्कि पूरी दुनिया को संदेश दिया कि जब राष्ट्रीय हितों की बात आयेगी, तो भारतीय सेना किसी भी क़ीमत पर पीछे नहीं हटेगी।

सिंह ने अपने संबोधन में कहा, “आज कारगिल विजय दिवस पर मैं अपने देशवासियों से एक बात कहना चाहता हूं कि देश का मान-सम्मान हमारे लिए हर चीज़ से ऊपर है और इसके लिए हम किसी भी हद तक जा सकते हैं।”

रक्षा मंत्री ने कहा कि 26 जुलाई 1999 को युद्ध जीतने के बाद भी भारतीय सेनाओं ने नियंत्रण रेखा (LOC) पार नहीं की थी, क्योंकि भारतीय शांतिप्रिय हैं, भारतीय मूल्यों में विश्वास करते हैं और अंतर्राष्ट्रीय क़ानूनों के प्रति प्रतिबद्धता रखते हैं।

“उस समय अगर हमने LOC पार नहीं की थी, तो इसका मतलब यह भी नहीं कि हम LOC पार नहीं कर सकते थे। हम LOC पार कर सकते हैं, और ज़रूरत पड़ने पर भविष्य में भी LOC पार करेंगे। मैं देशवासियों को इसका आश्वासन देता हूं।”

सिंह ने जवानों को धन्यवाद देते हुए कहा कि जब तक वे सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं, कोई भी भारत की ओर आंख उठाने की हिम्मत भी नहीं कर सकता।

“सिर्फ़ कारगिल ही नहीं, बल्कि आज़ादी के बाद से आज तक कई बार आपकी वीरता ने देश को समय-समय पर गौरवान्वित किया है।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कारगिल युद्ध के शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि कारगिल विजय दिवस भारत के उन अद्भुत शूरवीरों की वीरता की गाथा को सामने लाता है, जो देशवासियों के लिए हमेशा प्रेरणा बने रहेंगे।