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शरद पवार ने पीएम की डिग्री का राजनीतिक मुद्दा बनाने पर किया एतराज़

प्रधानमंत्री की डिग्री को राजनीतिक मुद्दा बनाने पर पवार ने उठाया सवाल

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने विश्वविद्यालय की डिग्री को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमले की आलोचना करते हुए कहा कि जिस समय देश में कई दूसरी समस्यायें हों,उस समय प्रधानमंत्री की शैक्षणिक डिग्री को एक राजनीतिक मुद्दा बनाना ठीक नहीं है।
उन्होंने सवाल किया, ‘जिस समय देश बेरोज़गारी, क़ानून-व्यवस्था और महंगाई का सामना कर रहा हो,उस समय क्या किसी की डिग्री राजनीतिक मुद्दा होनी चाहिए ? ‘‘
उल्लेखनीय है कि 31 मार्च को गुजरात उच्च न्यायालय ने मुख्य सूचना आयोग (सीआईसी) के आदेश को खारिज कर दिया और फैसला सुनाया कि प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री और स्नातकोत्तर डिग्री प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं है।
न्यायमूर्ति बीरेन वैष्णव की एकल-न्यायाधीश पीठ ने पीएमओ, गुजरात विश्वविद्यालय और दिल्ली विश्वविद्यालय के जन सूचना अधिकारी (पीआईओ) को पीएम मोदी की स्नातक और स्नातकोत्तर डिग्री का विवरण प्रस्तुत करने के निर्देश देने वाले सीआईसी के आदेश को रद्द कर दिया।
यह पीठ सीआईसी के आदेश को चुनौती देने वाली गुजरात विश्वविद्यालय की अपील पर सुनवाई कर रही थी।
उच्च न्यायालय ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर 25,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया, जिन्होंने प्रधानमंत्री की डिग्री के प्रमाण पत्र का ब्योरा मांगा था।
ग़ौरतलब है कि दिल्ली के सीएम पीएम मोदी की “शैक्षणिक योग्यता” पर सवाल उठाते हुए बीजेपी पर लगातार हमले कर रहे थे।
इस बीच शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस के दौरान एक टेलीविज़न समाचार चैनल के साथ अपने विस्फ़ोटक साक्षात्कार के बाद पवार ने कहा कि अडानी मामले की संयुक्त संसदीय समिति की जांच की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि इस भारतीय समूह के ख़िलाफ़ रिपोर्ट में किए गए दावों की जांच मेंसर्वोच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त समिति अधिक विश्वसनीय और निष्पक्ष होगी।