सऊदी अरब (Saudi Arab) और भारत रक्षा संबंधों को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा रहे हैं। सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान हाल में ही भारत की राजकीय यात्रा पर पहुंचे थे। ऐसे में दोनों देश एक साथ मिलकर अब हथियारों का निर्माण करने वाले हैं। भारत और सऊदी (Saudi Arab) दोनों ने इसे पारस्परिक हित और आशाजनक संभावनाओं वाला क्षेत्र करार दिया है। कुछ दिनों पहले ही सऊदी क्राउन प्रिंस भारत के आधिकारिक दौरे पर थे। इस दौरान उन्होंने न केवल जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लिया, बल्कि भारत और यूरोप के साथ मिलकर मध्य पूर्व आर्थिक गलियारा पर हस्ताक्षर किया। इतना ही नहीं, सऊदी क्राउन प्रिंस ने भारत के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी की, जिसमें रक्षा और व्यापार समेत कई मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई। भारत ने भी सऊदी क्राउन प्रिंस को गार्ड ऑफ ऑनर देकर सम्मानित किया। सऊदी क्राउन प्रिंस के भारत दौरे से पाकिस्तान को पहले से ही मिर्ची लगी हुई है, अब रक्षा सहयोग की बात सुनकर उसकी टेंशन और ज्यादा बढ़ने वाली है।
फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, विदेश मंत्रालय में सचिव (सीपीवी और ओआईए) डॉ. औसाफ सईद ने बताया कि सऊदी विजन 2030 भारत की क्षमताओं और हितों के अनुरूप स्थानीय मैन्यूफैक्चरिंग पर जोर देता है। अक्टूबर 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सऊदी अरब यात्रा से मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर के भीतर रक्षा सहयोग पर एक समझौता भी हुआ था। दोनों देशों को आगे के अभ्यासों और द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सैन्य गतिविधियों में सऊदी की भागीदारी बढ़ने की उम्मीद है। अपनी वार्ता के समापन पर संयुक्त बयान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान बिन अब्दुलअजीज अल सऊद (प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान) ने गहन रक्षा सहयोग की सराहना की और संयुक्त अभ्यास, प्रशिक्षण जारी रखने के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। इन सहयोगात्मक प्रयासों का उद्देश्य सामान्य हितों की सेवा करना और सुरक्षा और स्थिरता को मजबूत करने में योगदान देना है।
हथियारों को साथ मिलकर बनाएंगे भारत और सऊदी अरब
2021 और 2023 में आयोजित अल मोहम्मद अल हिंदी संयुक्त नौसैनिक अभ्यास एक उल्लेखनीय उपलब्धि थी। दोनों देश इस सफललता को आगे बढ़ाने के लिए तैयार हैं। इसके अलावा उन्होंने जून 2022 में नई दिल्ली में आयोजित रक्षा सहयोग पर संयुक्त समिति की 5वीं बैठक के परिणामों का स्वागत किया। इस दौरान भारत और सऊदी अरब ने संयुक्त रूप से रक्षा उपकरणों के विकास और उत्पादन की संभावनाओं पर चर्चा की थी। भारत और सऊदी अरब दोनों मित्र देशों में सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए अपने सहयोग का विस्तार करने की तीव्र इच्छा रखते हैं। संयुक्त बयान में साइबर सुरक्षा, समुद्री सुरक्षा, अंतरराष्ट्रीय अपराध, नशीले पदार्थों और मादक पदार्थों की तस्करी से निपटने जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के महत्व पर प्रकाश डाला गया। इसके अलावा, उन्होंने समुद्री कानून पर संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन (यूएनसीएलओएस) के अनुरूप जलमार्गों की सुरक्षा और नेविगेशन की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने में सहयोग के महत्व पर जोर दिया।
आतंकवाद पर भारत और सऊदी अरब की दो टूक
भारत और सऊदी अरब (Saudi Arab) ने आतंकवाद को लेकर परोक्ष रूप से पाकिस्तान पर निशाना साधा। दोनों देशों ने कहा कि वे आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एकजुट हैं। उन्होंने आतंकवाद और टेरर फाइनेंसिंग से निपटने के लिए सुरक्षा सहयोग बढ़ाने पर भी सहमति जताई। दोनं देशों ने माना कि आतंकवाद, अपने सभी रूपों में, मानवता के लिए एक गंभीर खतरा बना हुआ है, और वे नस्ल, धर्म या संस्कृति के आधार पर इसे उचित ठहराने के किसी भी प्रयास को अस्वीकार करते हैं। दोनों पक्षों ने सभी देशों से आतंकवाद को अस्वीकार करने, इसके बुनियादी ढांचे को नष्ट करने और आतंकवादियों को तेजी से न्याय के कटघरे में लाने का आह्वान किया। अन्य देशों के खिलाफ आतंकवादी कृत्यों को अंजाम देने के लिए मिसाइलों और ड्रोन सहित हथियारों तक पहुंच को रोकना भी एक साझा प्राथमिकता है
भारत और सऊदी में बढ़ रहा सैन्य सहयोग
2022 में रॉयल सऊदी लैंड फोर्सेज के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल फहद बिन अब्दुल्ला मोहम्मद अल-मुतायर की यात्रा, सैन्य सहयोग को गहरा करने में एक मील का पत्थर साबित हुई। 2020 में, भारतीय सेना प्रमुख ने सऊदी अरब (Saudi Arab) का दौरा किया, जो पहली बार ऐतिहासिक था। खाड़ी क्षेत्र के देश आर्थिक विविधीकरण और रक्षा उद्योग विकास के अपने लक्ष्यों से प्रेरित होकर भारत को एक पसंदीदा भागीदार के रूप में देख रहे हैं। यह बढ़ता हुआ संबंध दोनों पक्षों के साझा हित में है। इसमें आतंकवाद का मुकाबला और जलवायु परिवर्तन को संबोधित करना शामिल है।
यह भी पढ़ें: भारत-Saudi Arab की यह दोस्ती देख जल गया Pakistan, बेइज्जती पर पाकिस्तानी हुए आगबबूला