Hindi News

indianarrative

Agnipath योजना से जुड़े सभी केस दिल्ली HC ट्रांसफर, SC ने कहा- ‘जरूरी नहीं कि हर मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट ही करे’

Agnipath योजना से जुड़े सभी केस दिल्ली HC ट्रांसफर

अग्निपथ योजना से जुड़ी याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा कि, जरूरी नहीं है कि, हम मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट ही करे। जस्टिस चंद्रचूड़ ने सभी केस को दिल्ली हाईकोर्ट में ट्रांसफर कर दिया है। सरकार की ओर से पेश हुए सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि, अग्निपथ योजना के खिलाफ कई हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर हैं। उनमें से एक दिल्ली हाईकोर्ट भी है। उन्होंने कहा कि, मेरी गुरजारिश है कि, सभी याचिकाओं को एक साथ दिल्ला या अन्य हाईकोर्ट में सुनवाई की जाए। इसपर जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि, आप एक ट्रांसफर पीटिशन दायर करिए। हम हाईकोर्ट को सभी याचिकाएं सुनवाई करने को भेज देंगे। याचिकाकर्ता एमएल शर्मा ने कहा कि अदालत हमें यहां सुन ले। शीर्ष अदालत की पीठ ने कहा कि, जिन लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। हम उन्हें सुनकर ही मामला स्थानांतरिक करेंगे।

सुप्रीम कोर्ट दिल्ली हाईकोर्ट में अग्निपथ योजना से संबंधित देशभर में लंबित मामलों को एकसाथ सुनवाई के लिए ट्रांसफर करेगा। इस पर एक याचिकाकर्ता की ओर से वकील कुमुद ने मामले को शुक्रवार तक स्थानांतरित करने की मांग की। दरअसल, दिल्ली, केरल, पटना, पंजाब-हरियाणा, उत्तराखंड, कोच्चि के ट्राइब्यूनल में अग्निपथ योजना के खिलाफ मामले लंबित हैं। उच्च न्ययालय ने कहा कि, दिल्ली हाईकोर्ट में पहले से इस मामले पर याचिकाएं लंबित हैं। ऐसे में सभी याचिकाओं पर वह सुनवाई कर लेगा। अदालत ने अपने पास लंबित तीनों याचिकाओं को भी दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई के लिए ट्रांसफर कर दिया है। अग्निपथ योजना के खिलाफ सभी याचिकाओं पर सिर्फ दिल्ली हाईकोर्ट सुनवाई करेगा.

जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका लंबित है। हाईकोर्ट को पहले सुनवाई करने दिया जाए, ताकि हमारे पास हाईकोर्ट का रुख होगा। उन्होंने कहा कि, आप याचिका को हाईकोर्ट ट्रांसफर कर सकते हैं या आप हाईकोर्ट में नई याचिका दाखिल कर लीजिए। याचिकाकर्ता व वकील एमएल शर्मा ने कहा मुझे सुप्रीम कोर्ट समझे। हाईकोर्ट में मामला नहीं भेजा जाए। याचिकाकर्ता शेखावत ने कहा कि विभिन्न हाईकोर्ट में सुनवाई शुरू हो चुकी है। दूसरी ओर, सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि अभी तक किसी हाईकोर्ट ने आदेश नहीं दिया है। इस पर जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि जरूरी नहीं कि हरेक मामले में सुनवाई सुप्रीम कोर्ट ही करे।