आईएएस टीना डावी आजकल सोशल मीडिया में छायी हुई हैं।इसके पीछे उनका निजी जीवन नहीं है,बल्कि सार्वजनिक जीवन में किया गया ऐसा काम है,जिसकी चारों तरफ़ वाहवाही हो रही है। ख़ासकर पाकिस्तानी हिंदू इस आईएएस अधिकारी पर अपने आशीर्वाद की बारिश कर रहे हैं।इन हिंदुओं को लगता है कि अगर टीना नहीं होतीं,तो वे बेघर होते और पाकिस्तान जाने के लिए मजबूर होना पड़ता,जहां उनके साथ क्या-क्या होता,कहा नहीं जा सकता।
टीना डाबी राजस्थान के जैसलमेर की कलेक्टर हैं और कुछ ही दिन हुए हैं,जब पाकिस्तानी हिंदुओं का घर उजाड़ने का आदेश देकर वह विवादों से घिर गयी थीं। ऐसा करके वह भारतीयों के बीच अलोकप्रिय भी हो रही थीं।लेकिन अब वह सिर्फ़ पाकिस्तान से आये हिंदुओं की लाडली ही नहीं हैं,देशवासियों की भी चहेती बन गयी हैं। इस आईएएस अधिकारी को पाकिस्तानी हिंदू से संतान सुख प्राप्त होने का आशीर्वाद तो मिल ही रहा है।उन्हें देशवासियों का लाड़ भी मिल रहा है। इसके पीछे का करण है,टीना डाबी का वह वादा,जिसे उन्होंने पूरा कर दिया है।
पाकिस्तान से आए हिंदू शरणार्थियों को कुछ ही दिन पहले उजाड़ दिया गया था।लेकिन, अब उनके बसाने के लिए जैसलमेर ज़िला प्रशासन ने मूल सागर में 40 बीघा ज़मीन आवंटित कर दी है। आज जैसे ही इस फ़ैसले के साथ टीना शरणार्थियों के बीच पहुंची, उनका भावपूर्ण स्वागत किया गया।प्रत्यक्षदर्शियों में से एक ने बताया कि शरणार्थियों में से किसी ने कहा, “कलेक्टर साहिबा, थों न्याल कर दिया… हे तो हेक ही आशीष देसो थे दूधो नहाओ पूतो फलो।” पुत्रवती होने के आशीर्वाद से टीना डाबी अपनी हंसी रोक नहीं पायीं और उन्होंने कहा-बेटा क्या, बेटी होगी तो भी चलेगी।
ग़ौरतलब है कि पाकिस्तान से प्रताड़ित होकर हिंदू वहां से वापस भारत आये थे। उनका सपना था कि वह भारत में रहकर अपनी प्रताड़ना से मुक्त रहेंगे और संपूर्ण मानवाधिकार के साथ अपना जीवन बसर करेंगे।लेकिन,राजस्थान की कांग्रेस सरकार के आदेश से उन्हें न सिर्फ़ वहां से उजाड़ दिया गया,बल्कि उनके घरों पर भी बुलडोज़र चलवा दिया गया।
दैनिक भास्कर में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक़ पाकिस्तानी शरणार्थियों में से एक सुगनी देवी ने बताया, “अब हम बहुत ख़ुश हैं। कलेक्टर टीना डाबी को बहुत-बहुत धन्यवाद देकर उनके लिए दुआयें कर रहे हैं। हम सब पाकिस्तान से प्रताड़ित होकर ही जैसलमेर आये थे।”
इस समय पाकिस्तान से आये ये हिंदू शरणार्थी रैन बसेरे में रह रहे हैं। इन शरणार्थी परिवारों के लिए ज़मीन का आवंटन जैसलमेर ज़िला मुख्यालय से तक़रीबन 5 किलोमीटर दूर मूल सागर के पास कर दिया गया है। पूजा-अर्चना करने के बाद ज़मीन के समतल करने का काम शुरू हो गया है। नगरीय सुधार न्यास (UIT) को बिजली और पानी के इंतज़ाम किये जाने के निर्देश दे दिये गये हैं। आगे की योजना इस ज़मीन पर लगभग 200 परिवारों को बसाने जाने की है। सबसे बड़ा सवाल इन्हें भारतीय नागरिकता दिलाने का है,तो वह प्रयास भी किया जा रहा है।उल्लेखनीय है कि इन तमाम शरणार्थियों के पास लॉंग टर्म वीज़ा तो है,लेकिन नागरिकता नहीं होने से इन्हें कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में ज़रूरी है कि इन्हें नागरिकता दिलायी जाए,ताकि भारत सरकार और राज्य सरकार की तमाम योजनाओं का लाभ इन्हें मिल सके।