उत्तर प्रदेश में खुट-खुट सुनार की एक चोट लुहार की कहावत को सीएम योगी ने साबित कर दिया है। योगी ने मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी साधना (गुप्ता) यादव के बेटे और अखिलेश यादव के सौतेले भाई प्रतीक यादव की पत्नी अपर्णा यादव बीजेपी में शामिल कर लिया है। अखिलेश यादव के कुनबे में यह बड़ी सेंध मानी जा रही है। अपर्णा के बीजेपी में शामिल होने से सपाईयों में संदेश जा रहा है कि पार्टी में सबकुछ ठीक नहीं है। इसका असर यादव मतदाताओं पर भी पड़ सकता है।
अपर्णा यादव के बीजेपी में जाने की खबरें पिछले तीन-चार दिनों से चल रही थीं। इस पर पहले शिवपाल यादव ने और फिर खुद अखिलेश यादव ने बयान जारी किया था। लेकिन अब बीजेपी की ओर से साफ कर दिया। अपर्णा यादव मोदी और योगी दोनों की ही प्रशंसक हैं। योगी के मुख्यमंत्री बनने के बाद अपर्णा अपने पति प्रतीक के साथ योगी से मिलने भी गई थीं। दोनों ने योगी की गऊशाला में गायों को अपने हाथ से हरा चारा और गुड़ भी खिलाया था।
अपर्णा यादव के बारे में 2017के विधानसभा चुनावों में भी बीजेपी में शामिल होने की अफवाहें उड़ी थीं। लेकिन उस समय मुलायम सिंह के हस्तक्षेप के बाद अपर्णा ने सरैडर कर दिया और लखनऊ की कैंट सीट से चुनाव लड़ा था। लेकिन बीजेपी की प्रत्याशी रीता बहुगुणा जोशी से हार गई थीं। हालांकि, अपर्णा ने करीब 63हजार वोट हासिल किए थे. उधर, रीता बहुगुणा जोशी के सांसद बनने के बाद यह सीट खाली हुई थी जिस पर 2019में उपचुनाव हुआ था जिसमें BJP ने ही जीत दर्ज की थी और सुरेश चंद तिवारी चौथी बार विधायक बने।
ऐसा देखने में आ रहा है कि समाजवादी पार्टी में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। शिवपाल ने कुछ दिन पहले ही अखिलेश से हाथ मिलाया है, लेकिन सुनने में आ रहा है कि शिवपाल और अखिलेश में भी सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है। पांच साल बाद पहली बार पार्टी कार्यालय पहुंचे शिवपाल ने अखिलेश के साथ सीटों के बंटबारे पर बातचीत हुई लेकिन बाद में दोनों के व्यवहार में तल्खी और खिंचाव देखा गया।
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