प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को मध्यप्रदेश के रीवा में एक सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने उन पिछले प्रशासनों द्वारा गांवों के साथ किए गए “अन्याय” को समाप्त कर दिया है, जिन्होंने “गांवों की उपेक्षा की और ग्रामीण क्षेत्रों में पैसे ख़र्च करने से परहेज़ किया।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि अतीत में राजनीतिक दल “गांव के लोगों को विभाजित करने” में शामिल थे। मध्य प्रदेश के रीवा में पंचायती राज दिवस समारोह को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “पहले की सरकारें गांव के लिए पैसे ख़र्च करने से बचती थीं… इसलिए उनकी अनदेखी की जाती थी। कई राजनीतिक दल गांव के लोगों को बांट कर अपनी दुकानें चला रहे थे। बीजेपी ने गांवों के साथ हो रहे इस अन्याय को भी ख़त्म कर दिया है। हमारी सरकार ने गांवों के विकास का ख़ज़ाना खोल दिया है।’
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज़ादी के बाद की सरकारों ने भारत की पंचायती राज व्यवस्था को ख़त्म कर दिया था।
उन्होंने कहा,”जो व्यवस्था सैकड़ों साल, हज़ारों साल पहले अस्तित्व में थी, उसी पंचायती राज व्यवस्था पर आज़ादी के बाद भरोसा नहीं किया गया। मैं हमेशा सोचता हूं, छिंदवाड़ा के जिन लोगों पर आप इतने लंबे समय तक भरोसा करते थे, वे आपके विकास के लिए कभी गंभीर क्यों नहीं थे?” … आज़ादी के बाद सबसे ज़्यादा सरकार चलाने वाली पार्टी ने उन गांवों का भरोसा तोड़ा।’
2014 से पहले के वर्षों पर विचार करते हुए, पीएम मोदी ने कहा कि केवल 6,000 पंचायत भवनों का निर्माण किया गया था, जबकि इन आठ वर्षों में भाजपा शासन के दौरान 30,000 से अधिक नए पंचायत भवनों का निर्माण किया गया था।
उन्होंने कहा,”2014 से पहले के 10 वर्षों में केंद्र सरकार की मदद से लगभग 6,000 पंचायत भवन बनाये गये। पूरे देश में केवल लगभग 6,000 पंचायत भवन बनाये गये ।लेकिन, 8 वर्षों के भीतर हमारी सरकार ने 30,000 से अधिक नये पंचायत भवन बनाये हैं।”
प्रधानमंत्री ने भाजपा द्वारा किए गए कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि देश की दो लाख से अधिक पंचायतों को ऑप्टिकल फ़ाइबर से जोड़ा जा चुका है।
उन्होंने कहा, “पिछली सरकार ने 70 से कम ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ा था। लेकिन,यह हमारी ही सरकार है, जिसने देश में 2 लाख से अधिक पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ दिया है।”
उन्होंने कहा कि भारत की पंचायतें गांवों के विकास की संजीवनी बनकर उभर रही हैं।
पीएम ने कहा,”2014 से देश ने अपनी पंचायतों के सशक्तिकरण का बीड़ा उठाया है और आज परिणाम दिखायी दे रहे हैं। 2014 के बाद पंचायतों के लिए आवंटित बजट, जो पहले 70,000 करोड़ रुपये से भी कम था, उसे बढ़ाकर 2 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है। आज भारत की पंचायतें गांवों के विकास की संजीवनी बनकर उभर रही हैं।”
उन्होंने कहा, “हमारी सरकार देश में पंचायती राज व्यवस्था को मज़बूत करने के लिए लगातार काम कर रही है। सरकार ने ग्रामीण भारत के लिए जीवन को आसान बनाने के लिए जो भी योजनायें बनायी हैं, उन्हें हमारी पंचायतें पूरी लगन के साथ ज़मीन पर साकार कर रही हैं।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि विकसित भारत के लिए देश की हर पंचायत, संस्था, प्रतिनिधि और नागरिक को एक होना होगा।
उन्होंने कहा,”यह तभी संभव है, जब बुनियादी सुविधायें बिना किसी भेदभाव के 100 प्रतिशत लाभार्थियों तक तेज़ी से पहुंचे। हमने जन धन योजना चलाकर गांव के 40 करोड़ से अधिक लोगों के बैंक खाते खोले। हमने भारत के पोस्ट पेमेंट्स बैंक माध्यम से गांवों तक बैंकों की पहुंच बढ़ायी।”
उन्होंने ई-ग्राम स्वराज-जीईएम इंटीग्रेटेड पोर्टल की शुरुआत करते हुए कहा कि डिजिटल क्रांति के इस दौर में अब पंचायतों को भी स्मार्ट बनाया जा रहा है।
उन्होंने कहा, “ई-ग्राम स्वराज-जेम एकीकृत पोर्टल आज लॉन्च किया गया है। यह पंचायतों के माध्यम से की जाने वाली ख़रीद की प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनायेगा।”
पीएम मोदी ने क़रीब 2300 करोड़ रुपये की विभिन्न रेल परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इन परियोजनाओं में मध्यप्रदेश में 100 प्रतिशत रेल विद्युतीकरण के साथ-साथ विभिन्न दोहरीकरण, आमान परिवर्तन और विद्युतीकरण परियोजनायें शामिल हैं।