बीते दिनों केंद्र सरकार द्वारा लांच किया गया ‘अग्निपथ भर्ती योजना’ को लेकर देश के कई राज्यों में बवाल मचा हुआ है। इस योजना के तहत युवाओं को चार साल तीनों सेनाओं में काम करने का अवसर मिलेगा। इस बीच गृह मंत्रालय ने ऐलान किया है कि अर्धसैनिक बलों में नियुक्ति के लये इन अग्निवीरों को मौका दिया जाएगा। योजना के तहत चुने गए युवाओं को ‘अग्निवीर’ कहा जाएगा और इस साल करीब 46हजार युवाओं को सहस्त्र बलों में शामिल करने की योजना है। हालांकि केंद्र सरकार की इस घोषणा के बाद से देश के अलग-अलग राज्यों में इसके खिलाफ असंतोष नजर आया है।
युवा क्यों कर रहे विरोध
देश के कई राज्यों में युवा इस योजना के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। बिहार में सबसे अधिक विरोध-प्रदर्शन देखने को मिला है। सेना में शामिल होने की तैयारियों कर रहे युवाओं का पक्ष है कि वो सालों तक खूब मेहनत कर सेना भर्ती होने की तैयारी करते हैं। ऐसे में चार साल की नौकरी उन्हें मंजूर नहीं है। प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने सरकार से इस योजना को तुरंत वापस लेने की अपील की है।
क्या है ‘अग्निपथ’ योजना?
केंद्र की अग्निपथ योजना के तहत इस साल 46हजार युवाओं को सहस्त्र बलों में शामिल किया जाना है। योजना के मुताबिक युवाओं की भर्ती चार साल के लिए होगी और उन्हें ‘अग्निवीर’ कहा जाएगा। अग्निवीरों की उम्र 17से 21वर्ष के बीच होगी और 30-40हजार प्रतिमाह वेतन मिलेगा। योजना के मुताबिक भर्ती हुए 25फीसदी युवाओं को सेना में आगे मौका मिलेगा और बाकी 75फीसदी को नौकरी छोड़नी पड़ेगी।
अग्निपथ योजना पर क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स
केंद्र की इस नई योजना पर रक्षा क्षेत्रों से जुड़े एक्सपर्ट्स की अलग-अलग राय है। कुछ ने इसे सकारात्मक बताया है जबकि इसके विरोध में भी राय दी गई है। रिटायर्ड मेजर जनरल शेओनान सिंह ने बीबीसी से कहा कि सेना में किसी को चार साल के लिए शामिल करना पर्याप्त समय नहीं है। चार साल में छह महीने तो ट्रेनिंग में निकल जाएंगे।इन्फैंट्री में काम करने के लिए स्पेशल ट्रेनिंग की भी जरुरत पड़ेगी।