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चंद्र ग्रहण के दौरान खुले रहते हैं महाकाल के पट! आखिर क्या है अनूठी परंपरा की वजह?

Chandra Grahan 2023

Chandra Grahan 2023: 5 मई यानि कल शुक्रवार को साल का पहला चंद्र ग्रहण लग रहा है। यह चंद्र ग्रहण वैशाख पूर्णिमा के दिन लग रहा है। ये चंद्र ग्रहण तुला राशि में लग रहा है और कल रात 8 बजकर 44 मिनट से शुरू होकर देर रात 1 बजकर 2 मिनट पर समाप्त होगा। यह ग्रहण चार घंटे और 15 मिनट का होगा। ऐसे में चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण के दौरान कुछ नियमों का पालन किया जाता है। दरअसल, ग्रहण से पहले सूतक काल लग जाता है और इस दौरान कई नियमों का पालन करना होता है। शुभ काम करने समेत कई अन्‍य काम करने की मनाही होती है। ग्रहण का सूतक लगते ही मंदिर के पट बंद हो जाते हैं। ग्रहण के बाद मंदिर की शुद्धि होती है और फिर भक्‍त दर्शन करते हैं।

कब लगेगा ग्रहण का सूतक काल

वैसे कल लगने वाला चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा इसलिए इस चंद्र ग्रहण का सूतक काल भी मान्‍य नहीं होगा। लिहाजा इस बार चंद्र ग्रहण के दौरान किसी भी तरह के नियमों का पालन करने की जरूरत नहीं रहेगी। मगर चंद्र ग्रहण के दौरान मंदिर बंद रहने का नियम महाकाल मंदिर पर लागू नहीं होता है।

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ग्रहण में खुला रहता है महाकाल का दरबार

वैसे आपको बता दें, उज्‍जैन के महाकालेश्‍वर मंदिर की बात करें तो चंद्र ग्रहण के दौरान यहां के पट कभी बंद नहीं होते हैं। ग्रहण के दौरान भी महाकाल मंदिर का दरबार खुला रहता है। दरअसल देवों के देव महादेव लय और प्रलय के अधिपति हैं साथ ही उन्होंने ही सृष्टि की उत्पत्ति की है। वहीं, संहारक हैं और वे मृत्युंजय हैं। उन पर ग्रहों के शुभ-अशुभ फल का असर ही नहीं पड़ता है। लिहाजा महाकाल मंदिर के पट चंद्र ग्रहण के दौरान भी खुले रहते हैं। हालांकि ग्रहण के दौरान गर्भगृह में कोई प्रवेश नहीं करता है और ग्रहण समाप्‍त होने के बाद मंदिर को धोकर शुद्ध किया जाता है। फिर महाकाल की पूजा-उपासना की जाती है।