शनि देव (Shani Dev) को ज्योतिष शास्त्र में न्याय का कारक ग्रह माना गया है। ज्योतिष ग्रंथ और पौराणिक मान्यताओं के अनुसार शनि कलियुग के दंडाधिकारी हैं। यानि ये न्याय करने वाले माने गए है। मनुष्य के कर्मों का फल शनि देव ही प्रदान करते है। जब व्यक्ति गलत कार्य करता है, तो शनि उसे कठोर दंड देते हैं। शनि की दशा, महादशा, अंर्तदशा, साढ़े साती और शनि की ढैय्या इसलिए कष्टकारी मानी गई है, क्योंकि शनि इन्हीं अवस्थाओं में मनुष्य के गलत कामों का फल प्रदान करते हैं। इसलिए लोग शनि के नाम से ही घबरा जाते हैं। शनिदेव को नाराज नहीं करना चाहिए। शनि गुस्सा हो जाएं तो व्यक्ति का जीवन मुसीबत और परेशानियों से भर देते हैं। साथ ही समृद्धि छीन लेते हैं, दिन का चैन और रातों की नींद शनि देव उड़ा देते हैं। इसलिए शनि देव की कृपा बहुत जरूरी बताई गई है।
शनि क्या शुभ फल भी देते हैं?
जी हां, शनि अशुभ ही फल प्रदान करते हैं ऐसा नहीं है। शनि शुभ होने पर अत्यंत शुभ फल प्रदान करते हैं। शनि शुभ हो तो व्यक्ति को उच्च पर, धन और मान सम्मान भी प्रदान करते हैं। शुभ होने पर शनि महाराज वाहन, भवन आदि का भी सुख प्रदान करते हैं यहां तक कि विदेश की सैर भी कराते हैं। इसलिए इस बात को दिमाग से निकाल देना चाहिए कि शनि अशुभ फल ही प्रदान करते हैं।
शनि कैसे रखें प्रसन्न
शनि को प्रसन्न रखने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। शनि नियम और अनुशासन को मनाने वाले ग्रह है, जो लोग नियम का पालन नहीं करते हैं, शनि उन्हें माफ नहीं करते हैं और अपनी दशा आदि में कष्ट प्रदान करते हैं, जिन लोगों की कुंडली में शनि अशुभ हैं, या शनि देव के कारण परेशानी का सामना करना पड़ रहा है तो उनके लिए पौष मास के प्रथम शनिवार बहुत ही शुभ योग बन रहा है। इस दिन शनि देव की कृपा पा सकते हैं कैसे? आइए जानते हैं…
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शनि अशुभ है कैसे लगाएं पता
-प्रेम संबंधों में बाधा आती है, बार-बार ब्रेकअप का सामना करना पड़ता है
-धन की कमी बनी रहती है. कर्ज बढ़ने लगता है
-महत्वपूर्ण कार्यों में रुकावट आती रहती है
-मानिसक तनाव की स्थिति बनी रहती है
-पिता या ऑफिस में बॉस से संबंध अच्छे नहीं रहते हैं
-बिजनेस में परिश्रम के बाद भी मनचाही सफलता नहीं मिलती है
-प्रतिद्वंदी या शत्रु परेशान करते रहते हैं
-शिक्षा में रुकावट आती है
-गंभीर रोग घेर लेते हैं
-अधिक सोचने की प्रवृत्ति हो जाती है
-अज्ञात भय बना रहता है
-आलस के कारण कार्य अधूरे रहते हैं
महत्वपूर्ण बातों को याद रखें
-धन का प्रयोग दूसरों का अहित करने के लिए न करें
-परिश्रम करने वालों को कभी न सताएं
-अपने धन और पद का गलत प्रयोग न करें
-प्रकृति को कभी हानि न पहुंचाएं
-जरूरतमंद लोगों की सदैव मदद करें
-गंभीर बीमारी से जूझ रहे लोगों की सेवा करें
-कल्याणकारी कार्यों में रूचि लेना चाहिए