शास्त्रों के मुताबिक, शनिदेव को न्याय का देवता कहा गया है। शनिवार का दिन शनि देव को समर्पित होता है। इस खास दिन पर नियमानुसार पूजा और व्रत करने वालों पर शनिदेव की कृपया हमेशा बनी रहती है। लेकिन अगर गलती से भी शनिमहाराज आपसे रुष्ट जाते हैं तो व्यक्ति को अपने जीवन में कई तरह कि परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में आज हम आपको शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए कुछ बेहद कारगर उपाए बताने जा रहे हैं। इन अचूक उपायों से न केवल आप शनिदेव को प्रसन्न कर सकते हैं बल्कि वह आपसे खुश होकर सारे संकटों का अंत कर देंगे।
-इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं और ‘ऊं शं शनैश्चराय नमः‘ मंत्र का जाप करें । फिर पीपल को छूकर प्रणाम करने के बाद सात परिक्रमा करें। शनिवार को एक बार ही भोजन करें और 7बार शनि मंत्र दोहराएं।
-कड़ी मेहनत के बाद भी सफलता नहीं मिल रही है तो किसी हनुमान मंदिर जाएं और अपने साथ एक नींबू और 4लौंग रख लें। इसके बाद मंदिर में पहुंचकर नींबू के ऊपर चारों लौंग लगा दें। फिर हनुमान जी के सामने बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ करें। इसके बाद हनुमान जी से सफलता दिलवाने की प्रार्थना करें और नींबू लेकर कार्य प्रारंभ कर दें। इससे आपके कार्य में सफलता की संभावना बढ़ जाएगी।
-शनिवार को घोड़े की नाल मिल जाए तो उसे शुभ माना जाता है। शनिवार को यदि नाल मिल जाए तो उसे एकदम घर में न लाएं। रात भर के लिए उसे बाहर ही रखें। दूसरे दिन, सुनार के द्वारा उस नाल के बीच के टुकड़े और थोड़े से ताम्बे को मिला कर एक अंगूठी बनवा लें और उस पर ‘शिवमस्तु‘ अक्षर खुदवा लें।
-दूसरे शनिवार को ‘सूर्यास्त के बाद उस अंगूठी की पूजा कर‘ उसे धूप दीप दिखाएं और उसे अनामिका में पहनें। इस नाल का पाया जाना उस व्यक्ति पर शनि महाराज की पूर्ण कृपा हुई है, ऐसा माना जाता है। लेकिन ऊपर बताई विधि पूरी न करने पर विशेष लाभ नहीं होता। भाग्यशाली पाठक को यदि शनिवार को नाल मिल जाए तो ऊपर बताई विधि करें।