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दिवाली पर यहां होती है कुत्ते, गाय और कौवे की पूजा, लगाया जाता हैं ‘छप्पन’ पकवानों का भोग

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पड़ोसी राष्ट्र नेपाल में दीपावली की पुरानी परंपरा अब भी बरकरार है। दीपावली त्योहार का जश्न मनाने से पहले काग पूजा की जाती हैं। काग पूजा को 'काग तिहार' के नाम से भी जाना जाता हैं। नेपाल के लोग पांच दिवसीय दिवाली समारोह के हिस्से के रूप में  काग तिहार मनाते हैं। ये दिवाली के दूसरे दिन मनाया जाता है, जिसमें कुत्तों की पूजा की जाती है और उन्हें भोजन दिया जाता है। इस दौरान उनको फूल माला पहना कर उनका सम्मान किया जाता है। यह त्योहार मनुष्यों और कुत्तों के बीच प्यार भरे संबंध को प्रदर्शित करता हैं। नेपाल में कुकुर तिहार को बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।

मां लक्ष्मी की पूजा के साथ ही यम पंचक के रूप में काग, कुत्ते और गाय की पूजा भी अलग-अलग दिनों में करते हैं। इस साल ये आज से यानी तीन नवंबर से शुरू होकर छह नवंबर तक चलेगा। चलिए आपको बताते हैं, पांच दिवसीय चलने वाले इन त्योहारों के बारे में-

काग तिहार- कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी अर्थात तिहार का पहला दिन काग तिहार के रूप में मनाया जाता है। इस दिन कौवों की विधिवत पूजा की जाती है। उन्हें खाने के सामान पेश किए जाते हैं। कौवों को यमराज के दूत के रूप में माना जाता है।

कुकुर तिहार- यमपंचक के दूसरे दिन अर्थात कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी के दिन कुकुर तिहार के रूप मनाया जाता है। इस वर्ष तीन नवंबर को ही कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी भी है। इसी दिन कुकर तिहार या कुकर पूजा मनाया जाएगा। हिंदू परंपरा के अनुसार मान्यता है कि कुत्ता यम का दूत, मृतकों का भगवान व न्यायाधीश है। कुकुर तिहार के दिन कुत्तों को उनका पसंदीदा भोजन परोसा जाता है। उन्हें मनपसंद खाना खिलाकर व विधिवत पूजन कर माला पहनाया जाता है।

गाय पूजा– तीसरे दिन अर्थात कार्तिक कृष्ण अमावस्या को गाय की पूजा की जाती है। इसे देवी लक्ष्मी के रूप में पूजा जाता है। इसी दिन लक्ष्मी पूजा (दिवाली) होती है जिसमें माता लक्ष्मी की विधि विधान से पूजा-अर्चना की जाती है और उनसे धन-धान्य, समृद्धि व खुशहाली की कामना की जाती है। इस दौरान कुंवारी लड़कियां घर-घर जाकर भाइलो और दिउसो खेलती हैं। इस वर्ष लक्ष्मी पूजा चार नवंबर को मनाया जाएगा।

गोवर्धन पूजा– तिहार के चौथे दिन अर्थात कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा को शक्ति के देवता बैल को पूजा जाता है। इस दिन बैलों को विधि विधान से पूजते हैं। गोवर्धन पूजा इस वर्ष पांच नवंबर को मनाया जाएगा।

भाई टीका- तिहार के पांचवें यानी आखिरी दिन बहनें अपने भाइयों के सम्मान में मनाती हैं। इसमें बहनें, भाइयों के दीर्घायु की कामना यमराज से करती हैं और भाइयों के माथे पर पांच रंगों का तिलक लगाती हैं। भाई टीका इस वर्ष छह नवंबर को मनाया जाएगा।