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जय श्री राम के नारे से गूंज उठा कश्मीर !

कश्मीर में भगवान कृष्ण की झांकी

कश्मीर घाटी में जय श्रीराम की गूंज।यहां पिछले दो दशकों से दहशतगर्दियों के बंदूक से गोली की तड़तड़ाहट सुनाई देती थी, वहां आज जय श्री कृष्णा और जय श्री राम के नारे लगाए जा रहे हैं। गोलियों की तड़तड़ाहट को पीछे छोड़ इस जयकारे से तो यही लगता है कि कश्मीर में अमन और चैन फिर से कायम हो रहा है। इस अमन और चैन की ज़रूरत सालों से महसूस की जा रही थी।

90 के दशक में ख़ूबसूरत कश्मीर घाटी की रौनक दहशतगर्दों के साए में मलीन हो रही थी। आए दिन अलगाववादियों के द्वारा यहां दहशत फैलाने की कोशिश की जा रही थी। लेकिन, आज हुक़्मरानों की ईमानदार कोशिश ने फिर से एक बार कश्मीर घाटी में अमन औऱ चैन ला दिया है। इसका जीता जागता उदाहरण है कि यहां हर धर्म औऱ संप्रदाय के लोग बड़े ही चैन से एक साथ रहते हैं, और अपने इष्ट की पूजा अर्चना के साथ-साथ बेबाक़ी से कहीं भी आ जा रहे हैं।

कश्मीर को ऋषि मुनियों की धरती के नाम से जाना जाता है। यहां लंबे समय तक कश्यप ऋषि ने तपस्या की थी। ये धरती तपस्वियों की रही है। लेकिन, यहां जिस तरह पिछले कुछ दशकों में कश्मीरी पंडितों के साथ ज़्यादती हुई है,वह किसी से छुपी हुई नहीं है। लेकिन केन्द्र सरकार की ईमानदार कोशिश और प्रयासों ने यहां फिर से अल्पसंख्यक होने के बावजूद कश्मीरी पंडितों को खुली सांसें लेने को उत्साहित किया है। घाटी के कश्मीरी पंडितों ने जिस तरह बड़े उत्साह के साथ भगवान श्री कृष्ण की शोभा यात्रा शहर के बीचों-बीच निकाली है, वो इस बात की गवाही दे रहा है कि यहां अब सबकुछ ठीक है।

घाटी के कश्मीरी पंडितों के द्वारा भगवान कृष्ण की फूलों से सजी झांकी निकाली गई। शोभा यात्रा के दौरान भगवान कृष्ण के भक्ति संगीत पर कश्मीरी रिवायती भजन भी गाए गए। हाथों में ढोलक और घंटियां लिए भगवान कृष्ण के भक्तों ने भजन गाकर इस शोभा यात्रा की शोभा कई गुणा बढ़ाई दी है। साथ ही इस शोभा यात्रा में शामिल लोग जय श्री राम के नारे भी लगा रहे हैं।

भक्तों ने इस अवसर पर कश्मीर घाटी में अमन और शांति बनी रहे, इसके लिए विशेष प्रार्थना की। यह यात्रा श्रीनगर के हब्बा कदल में स्थित कत्लेश्वर मंदिर से निकली और लाल चौक के बीचोबीच से गुज़रते हुए जहांगीर चौक और फिर वापस हब्बाकदल पहुंची। यात्रा को देख मानों कशमीर की वादी एक बार फिर से खिल उठा।