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इश्क की कैमिस्ट्री बहुत टेढ़ी है! किसी के ‘लगाव’ को अपना ‘प्यार’ न समझ लेना, वरना…

difference between love and attachment

बहुत बार ऐसा होता है जब इंसान कुछ सवालों के जवाब को ही तलाशते रह जाता है, बावजूद इसके वह अपना जवाब नहीं खोज पाता है। जैसे आपको कोई पसंद आ गया, तो इस बीच आप इस बात में दुविधा में रह जाते हैं कि आप उस शख्स से प्यार करते हैं या वो एहसास सिर्फ अटैचमेंट भर है। वहीं कुछ ऐसे लोग जो प्यार और आकर्षण के बीच अंतर नहीं कर पाते हैं, क्योंकि इन दोनों के बीच बहुत ही बारीक लाइन होती है, जिसे समझना होता है। हालांकि आप भी इसी परेशानी से जूझ रहे है और पार्टनर के साथ होते हुए भी ये समझ नहीं पा रहे हैं कि आप उनके लिए सच में क्या फील करते हैं तो आप इन आसान से तरीकों से समझ सकते हैं।

​प्यार में निस्वार्थ और अटैचमेंट में इसका उल्टा होता है

जब आप किसी व्यक्ति से प्यार करते हैं, तो उसके लिए कुछ भी करने के लिए तैयार रहते हैं। आप उनकी जरूरतों, चाहतों और सफलताओं के देखकर खुश होते हैं। लेकिन जब आप किसी से अटैच्ड होते हैं, तो आप सिर्फ अपनी जरूरतों और ख्वाहिशों के बारे में सोचते हैं। यही फर्क जब रिश्ते में आता है, तो उसे टूटने में देर नहीं लगती है। प्यार से बनाए गए रिश्ते हमेशा मजबूती के साथ बने रहते हैं।

 प्यार आगे बढ़ने में करता है मदद

आपका सच्चा पार्टनर हमेशा चाहता है कि आप लाइफ में आगे बढ़े और खूब तरक्की करें। प्यार में पार्टनर्स एक-दूसरे के साथ ग्रो करते हैं और वेल्यूज का सम्मान करते हैं। अच्छे-बुरे वक्त में अपने पार्टनर्स का साथ देते हैं। जबकि अटैचमेंट में ऐसा नहीं होता। एक समय बाद ये रिश्ता टॉक्सिक बन जाता है, क्योंकि इसमें स्वार्थ पनपने लगता है। व्यक्ति अपने लाभ के बारे में सोचने लगता है और हर दिन रिश्ते बिगड़ना शुरू हो जाते हैं।

​अटैचमेंट कुछ वक्त में खत्म हो जाता है

प्यार स्थाई है। जब आप असल मायने में किसी के प्यार में पड़ते हैं, तो उसे जीवनभर या लंबे समय तक चाहते हैं। उसके बारे में सोचते हैं और उसे जुदा होने के बारे में कभी नहीं सोचते हैं। हालांकि अगर आप किसी की तरफ अट्रैक्ट हुए हैं, तो कुछ ही वक्त बाद आपको उसके लिए फीलिंग मरने लग जाती हैं। उस शख्स के लिए आपकी फीलिंग बदलने लगती है और आप उसके लिए प्यार महसूस नहीं कर पाते हैं।