हिंदू धर्म में कोई भी शुभ कार्य करने से पहले दीपक प्रज्जवलित करना बेहद शुभ माना जाता है। दीपक कोई एक दो नहीं बल्कि अनेकों प्रकार के होते हैं। जैसे तांबे का दीपक, पीतल का दीपक, आटे से बना हुआ दीपक, लेकिन इन सभी दीपक में जो सबसे ज्यादा इस्तेमाल में लाया जाता है वह मिट्टी से बना हुआ दीपक। मालूम हो हिंदू धर्म में शास्त्रों में दीपक जलाने को लेकर कई सारी बातें बताई गई हैं। वहीं ज्योतिष शास्त्र में भी दीपक जलाने के महत्व को विस्तार से बताया गया है। तो ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कौन सा दीपक किस उद्देश्य से जलाया जाना चाहिए।
तिकोना दीपक: हनुमान जी की कृपा प्राप्त करने के लिए चमेली के तेल से का तिकोना दीपक जलाना चाहिए।ऐसा माना जाता है कि इससे हनुमान जी की पूजा करने पर उनकी कृपा सदैव बनी रहती है।
आटे का दीपक: आटे से बने दीपक को पूजा करने के लिए सबसे उत्तम माना जाता है। आटे के दीपक का उपयोग किसी प्रकार की साधना या सिद्धि प्राप्ति के लिए की जाने वाली पूजा में किया जाता है।
घी का दीपक: धन की कमी या आर्थिक तंगी से जूझ रहे व्यक्ति को रोजाना मंदिर में जाकर शुद्ध घी का दीपक जलाने की सलाह दी जाती है। ऐसा माना जाता है कि इससे देवी-देवता प्रसन्न होते हैं।
सरसों के तेल का दीपक: सरसों के तेल का दीपक भैरव जी के मंदिर में शत्रुओं से बचने के लिए जलाया जाता है। इनके अलावा सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए भी सरसों के तेल का दीपक जला सकते हैं।
तिल के तेल का दीपक: शनि की साढ़ेसाती या शनि की ढैय्या से बचने के लिए तिल के तेल का दीपक शनि मंदिर में जलाना चाहिए। ऐसा करने से शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है. साथ ही अन्य देवी-देवता भी प्रसन्न होते हैं।
12 मुखी दीपक: भगवान शिव की कृपा पाने के लिए 12 मुखी दीपक घी या सरसों के तेल में जलाना चाहिए। ऐसा करने से भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं और अपनी कृपा अपने भक्तों पर बनाए रखते हैं।