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भारत की राशि पर प्रभाव डालेंगे शनि देव, मकर राशि में होंगे स्वगृही, जानें बाकी राशियों का कैसा रहेगा हाल और उपाय

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ज्योतिष शास्त्र में शनि ग्रह के राशि परिवर्तन को काफी महत्व दिया गया है। ज्योतिष में शनि ग्रह की चाल सबसे धीमी गति मानी गई है। शनि साल 2022 में राशि परिवर्तन करेंगे। जिसका असर मेष से लेकर मीन राशि तक पर सभी राशियों पर पड़ेगा। ये असर करियर, लव लाइफ और आर्थिक स्थिति पर पड़ेगा। लेकिन उससे पहले जानें शनि के राशि परविर्तन से भारत पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

आपको बता दें कि स्वतंत्र भारत की कुंडली वृष है ऐसे में शनिदेव मकर राशि में स्वगृही होकर भाग्य वर्धक के रूप में कार्य करेंगे। जिससे विश्व स्तर पर भारत की छवि और भी सकारात्मक वृद्धि होगी। पड़ोसी राष्ट्र सामने भारतीय अखंडता एवं नेतृत्व क्षमता में वृद्धि करेंगे। शनिदेव साल वर्ष 2022 में होने वाले चुनाव में निम्न मध्य वर्ग, पिछड़ी जाति की संख्या एवं महत्त्व में वृद्धि करेंगे। सामान्य वर्ग खास कर ब्राह्मण वर्ग के वर्चस्व में भी वृद्धि ही करेंगे।

मेष- मेष वालों के लिए शनिदेव दशम भाव में विद्यमान रहकर सम्मान में सामाजिक पद प्रतिष्ठा में वृद्धि करने वाले होंगे। नौकरी में वृद्धि, कार्य क्षमता में वृद्धि, नेतृत्व क्षमता में वृद्धि करेंगे। जीवन साथी के स्वास्थ्य को लेकर शारीरिक, मानसिक एवं आर्थिक तनाव उत्पन्न कर सकता है। प्रेम संबंधों में टकराव की स्थिति भी हो सकती है। उपाय की बात करें तो शनिवार को गुण वाली मीठी पूड़ी सरसों तेल मे बनाकर गाय को खिलाना शुभफल प्रदान करेगा।

वृष- वृष वालों के लिए वर्ष 2022 एक उत्तम वर्ष के रूप में जाना जायेगा। क्योंकि वर्ष 2022 में भाग्य एवं राज्य के कारक ग्रह शनि देव मकर राशि मे वर्ष भर स्वगृही होकर शुभ फल प्रदान करेंगे। सम्मान एवं सामाजिक प्रतिष्ठा के लिए खर्च की भी स्थिति बनेगी। रोग, ऋण एवं शत्रु से मुक्ति का वर्ष भी होगा। उपाय की बात करें तो मूल कुंडली के अनुसार शनि के पीड़ित होने की स्थिति में नीलम रत्न धारण करके लाभ एवं सकारात्मक फल में वृद्धि की जा सकता है।

मिथुन- मिथुन लोगो के लिए शनिदेव अष्टम एवं भाग्य के कारक होकर अष्ठम भाव मे स्वगृही गोचर करते रहेंगे। ऐसे में वाणी में तीव्रता, पारिवारिक तनाव में वृद्धि, पारिवारिक खर्च में वृद्धि की स्थिति उत्पन्न होगी। पिता के स्वास्थ्य को लेकर तनाव, पिता के स्वास्थ्य पर खर्च की स्थिति भी इस वर्ष बनेगी। संतान के स्वास्थ्य एवं प्रगति को लेकर भी मन मे चिंता उत्पन्न होगी। उपाय की बात करें तो शनि देव की पूजा आराधना लाभदायक होगा।

कर्क- कर्क वाले लोगों के लिए शनि सप्तम एवं अष्टम के कारक ग्रह होकर सप्तम भाव मे स्वगृही होकर गोचर करेंगे। मानसिक चिंता में वृद्धि भी हो सकती है परंतु आर्थिक गतिविधियों के लिए समय अनुकूल बना रहेगा। दाम्पत्य जीवन एवं प्रेम संबंधों के लिए समय अनुकूल बना रहेगा। उपाय के बारे में बात करें तो काला तिल एवं गुण मिलाकर गोधुल समय पीपल के वृक्ष के नीचे चींटियों को खिलाते रहें।

सिंह- सिंह के लोगों के लिए शनि देव षष्टेश एवं सप्तमेश होकर षष्ट भाव मे स्वगृही होकर विद्यमान रहेंगे। अचानक यात्रा धार्मिक या व्यापारिक गतिविधियों के लिए करा सकते है। भाई बंधुओं मित्रो को लेकर भी थोड़ा तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न कर सकते है। दाम्पत्य जीवन ,प्रेम संबंध में खर्च वृद्धि के कारण तनाव भी हो सकता है। उपाय की बात करें तो शनिवार के दिन भगवान भोले नाथ को काला तिल अर्पित करते रहें।

कन्या- शनि देव पंचम भाव में ही पंचम एवं षष्ठ भाव के कारक होकर विद्यमान रहेंगे। दाम्पत्य जीवन एवं प्रेम संबंधों के लिए शनि की यह स्थिति थोड़ा प्रतिकूल फल प्रदान करने वाला है। आय एवं लाभ के लिए भी समय उत्तम फल प्रदायक है परंतु तनाव अवश्य होगा। शत्रुओं पर बढ़त बनाने में शनिदेव पूर्ण मदद करेंगे। उपाय की बात करें तो सरसों तेल में बनी पूड़ी गाय को शनिवार के दिन खिलाते रहें।

तुला- तुला जातकों के लिए शानिदेव राज योग प्रदाता के रूप में सिद्ध होते है। वर्ष 2022 में स्वराशि मकर में गोचर करते हुए अपने प्रभाव में संपूर्णता प्रदान करेंगे। शत्रुओं पर विजय प्रदान करेंगे। पुराने रोगों का शमन करेंगे।  नयी डिग्री के लिए समय अनुकूलप्रद बनाने में सकारात्मक प्रभाव उत्पन्न करेंगे। उपाय की बात करें तो मूल कुंडली मे शनि की स्थिति के अनुसार नीलम रत्न धारण करना लाभकारी होगा।

वृश्चिक- शनिदेव वृश्चिक लग्न में सामान्य फल प्रदायक के रूप में कार्य करते है। पराक्रम में वृद्धि होगा। सामाजिक पद प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। संतान को लेकर थोड़ी चिंता जनक स्थिति उत्पन्न हो सकती है। पिता के स्वास्थ्य को लेकर भी तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न होगा। अचानक धार्मिक एवं व्यापारिक यात्रा का भी योग बन सकता है। उपाय के बारे में बात करें तो शनिवार को शमी पुष्प शिव जी को अर्पित करते रहे।

धनु- धनु में शनि देव धन एवं पराक्रम के कारक ग्रह होते है। इस लिए मध्यम फल प्रदायक ग्रह के रूप में जाने जाते है। वर्ष 2022 में धन भाव में स्वगृही स्थिति में विद्यमान होकर आपना प्रभाव स्थापित करेंगे। परिश्रम के फल में सकारात्मक प्रभाव प्रदान करेंगे। परिवार में नया कार्य सम्पन्न होने की पूर्ण सम्भावना बनेगी। उपाय के बारे में बात करें तो श्री हनुमानजी महाराज की पूजा उपासना लाभ दायक होगा।

मकर- मकर में शनि लग्न एवं धन के कारक होते हैं। ऐसे में शनि शुभफल प्रदायक ग्रह के रूप में प्रभाव स्थापित करते हैं। मनोबल उच्च का बना रहेगा। स्वास्थ्य उत्तम बना रहेगा। सामाजिक, पद प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। नेतृत्व क्षमता में वृद्धि होगा। विचारों में उच्चता बनी रहेगी। प्रेम संबंधों में टकराव की स्थिति होती रहेगी। उपाय के बारे में बात करें तो मूल कुंडली के अनुसार नीलम रत्न धारण करना लाभदायक होगा।

कुम्भ- कुम्भ लोगों के लिए भी लग्नेश होने के कारण शनिदेव परम राजयोग कारक ग्रह होते है। वाणी में तीव्रता,पारिवारिक तनाव में वृद्धि, अचानक धन खर्च में वृद्धि होगा। पुराना रोग का शमन होगा। कर्ज से मुक्ति के आसार बनने के साथ शत्रु भी पराजित होंगे। उपाय के बारे में बात करें तो मूल जन्म कुण्डली के अनुसार शनि का उपाय करे।

मीन- मीन लग्न वालों के लिए शनि देव शुभ कारक ग्रह के रूप में कार्य नही करते हैं। अपनी स्थिति के अनुसार शुभ या अशुभ फल प्रदान करते हैं। व्यापारिक विस्तार के लिये समय अनुकूल बना रहेगा साथ ही व्यापारिक गतिविधियों में विस्तार के लिए अचानक खर्च का माहौल भी बन जायेगा। उपाय के बारे में बात करें तो शनिवार के दिन काला तिल और गुण मिलाकर गोधुल समय पीपल के वृक्ष के पास चींटियों को खिलाते रहें।

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