मथुरा के वृंदावन में सावन महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि यानी हरियाली तीज पर्व के अवसर पर 31जुलाई को ठाकुर श्रीबांकेबिहारी विश्व में एकलौते स्वर्ण-रजत हिंडोले में विराजमान होकर भक्तों को दर्शन देंगे। दरअसल, कोरोना महामारी की वजह से पिछली साल भक्त ठाकुर जी के इस अद्भुत मनोरथ के दर्शन से वंचित रह गए थे। हरियाली तीज पर ठाकुरजी स्वर्ण हिंडोले में विराजमान होकर सुबह सात से दो बजे तक और शाम को पांच से रात 11बजे तक भक्तों को दर्शन देंगे। श्रीबांकेबिहारी मंदिर में हरियाली तीज के आयोजन को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं। इस बार हरियाली तीज 11अगस्त को है। इस मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ने का अनुमान है।
13 घंटे भक्तों को दर्शन देंगे बांकेबिहारी
शाम 5से रात 11बजे तक ठाकुर बांकेबिहारी महाराज स्वर्ण रजत निर्मित हिंडोले में विराजमान होकर श्रद्धालुओं को दर्शन देंगे। बांकेबिहारी महाराज अपने अनूठे और दिव्य इस हिंडोले में पूरे ठाठ-बाट के साथ विराजते हैं और इसी के साथ ही वृंदावन के मंदिरों, मठों और आश्रमों में हिंडोला उत्सव का विधिवत शुभारंभ हो जाता है। यह महोत्सव रक्षाबंधन तक झूलनोत्सव के रूप में मनाया जाएगा।
श्रीबांकेबिहारी मंदिर के पुजारी नितिन सांवरिया गोस्वामी ने बताया कि 18 करोड़ के इस हिंडोले में 2200 तोला सोना और एक लाख तोला चांदी लगी है जिसकी 30 फुट ऊचांई है और 7 फुट चौड़ाई है। हिंडोला के निर्माण में 70 वर्ष पूर्व ₹30 लाख रुपये की लागत आई थी। नेपाल के टनकपुर से हिंडोले के लिए लकड़ी लाई गई थी। 15-8-1947 को पहली बार हिंडोले में बांकेबिहारी ने दर्शन दिए थे। बांकेबिहारी के दर्शन हेतु मंदिर में गेट 2 एवं 3 से प्रवेश होगा और गेट 1 एवं 4 से निकास होगा।