हिंदू धर्म में पूजा-पाठ का विशेष महत्व है और लगभग हर घर में पूजा की जाती है। बेशक व्यक्ति से सच्चे मन से पूजा की हो, लेकिन पूजा करते वक्त कई बार हम जाने-अनजाने में ऐसी गलतियां कर बैठते हैं जिनका भुगतान जीवनभर भरना पड़ता है। इस वजह से आप और हम सभी को पूजा से जुड़े नियमों के बारे में जानकारी होनी जरूरी है। क्योंकि पूजा से जुड़े नियमों का पालन करने से घर में सकारात्मकता आती है और परिवार के सदस्यों को कई क्षेत्रों में सफलता मिलती है। इसी कड़ी में एक जरूरी नियम लोटे में जल भरकर ले जाने से जुड़ा है।
मंदिर में जल का लोटा ले जाते समय
ध्यान रहे, मंदिर में जब कभी भी पूजा करने जाये तब जल से भरा अपना साथ जरूर लेकर जाएं। इसके बाद इस जल को भगवान शिव को अर्पित करें, साथ ही मंदिर में मौजूद पीपल के पेड़ को भी जल अर्पित करना चाहिए। लेकिन ध्यान रखें कि जल में कुछ दानें चावल के अवश्य डालें और चावल के दाने खंडित यानि टूटे हुए नहीं होने चाहिए।
खाली लोटा नहीं लाएं
मंदिर में जब जल अर्पित कर दिया तो गलती से भी खाली लोटा घर लेकर ना जाएं। जी हां, सही सुना क्योंकि इससे घर में वृद्धि रूकती है। ऐसे में जल अर्पित करते समय थोड़ा सा जल लोटे में ही छोड़ दें। यदि भूल से सारा जल अर्पित कर दिया है तो मंदिर में मौजूद नल लोटे में थोड़ा सा जल जरूर भर लें। इसके बाद घर वापस आकर घर के मुख्य द्वार पर दोनों तरफ जल बिखेरें। फिर पूरे घर में उस जल की छीटें मारें। वास्तु टिप्स के अनुसार ऐसा करने से घर में सकारात्मकता आती है और सभी बिगड़े काम बनने लगते हैं। इसके अलावा जो व्यक्ति जल के लोटे से जुड़े इस नियम का पालन नहीं करता, उसे आर्थिक संकटों से जूझना पड़ता है।