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19 अगस्त को World Photography Day, आख़िर क्यों मनाया जाता है विश्व फोटोग्राफी दिवस?

World Photography Day: भारतीय फोटोग्राफर योगेश भाटिया द्वारा ली गई स्नो लेपर्ड की तस्वीर

आगामी 19 अगस्त को World Photography Day है,लेकिन क्या आपको पता है कि आखिर क्यों मनाया जाता है विश्व फोटोग्राफी दिवस? चलिए जानते हैं इसके पीछे की पूरी कहानी। कहते हैं न जो हजार शब्दों में कहा नहीं जा सकता वो एक तस्वीर कह देती है। तस्वीरों के इसी खूबियों को सबके सामने रखने के लिए प्रत्येक वर्ष 19 अगस्त को विश्व फोटोग्राफी दिवस मनाया जाता है।

World Photography Day का अपना एक ऐतिहासिक महत्व है,क्योंकि तस्वीरों के माध्यम से इतिहास के झरोंखे में न सिर्फ झांका जा सकता है बल्कि उसके पन्नों को पलटा जा सकता है। दुनिया में कई ऐसी तस्वीरें हैं जिसे देख वहां का इतिहास बखूबी जाना जा सकता है। कई ऐसी तस्वीरें हैं जो सौ साल पहले खींची जा चुकी है।

हालांकि World Photography Day मनाने की शुरुआत 1837 में फ्रांस से हुई थी। माना जाता है कि यह वही साल है जिसे तस्वीर खींचने की शुरुआत हुई।

ऐसे ही एक बेहतरीन फोटोग्राफर हैं दिल्ली के योगेश भाटिया,जिन्होंने पिछले साल स्नो लेपर्ड की रेयर फोटो खींची ती। योगेश एक वाइल्डलाइफ फ्रोटोग्राफर हैं,जिन्होंने कोविड के दौरान आधिकारिक रूप से फोटोग्राफी की शुरुआत की। और 65 साल के योगेश इस मुश्किल भरी चुनौतियों से लड़ते हुए नए मुकाम हासिल कर रहे हैं।

योगेश ने निर्भिक होकर विभिन्न परिदृश्यों में दाखिल होकर भारत और अफ्रीका में बड़ी बिल्लियों जैसे लेपर्ड की तस्वीरें खींची। 14000 फीट की ऊंचाई पर 65 वर्षीय योगेश ने ठंडे तापमान को सहते हुए अपने अटूट समर्पण को दर्शाया।

Photographer Yogesh Bhatia
भारतीय फोटोग्राफर योगेश भाटिया

योगेश भाटिया ने स्नो लेपर्ड की यह रेयर तस्वीर खींची है।

योगेश के पोर्टफोलियो में सबसे आश्चर्यजनक उपलब्धियों में से एक इस चौंका देने वाली ऊंचाई पर मायावी स्नो लेपर्ड की तस्वीर लेने का उनका सफल प्रयास है, जो World Photography Day के लिए एक उल्लेखनीय कार्य है।कड़ाके की ठंड के बीच योगेश न सिर्फ एक फोटोग्राफर के रूप में अपनी कौशल का प्रदर्शन किया, बल्कि जानवरों के व्यवहार और निवास स्थान के बारे में अपनी गहरी समझ भी प्रदर्शित की।

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