Great Example:फ़िल्मों और टेलीविज़न धारावाहिकों में सास और बहू के बीच प्रतिकूल संबंधों के चित्रण के विपरीत वास्तविक जीवन में ऐसे उदाहरण हैं, जो दर्शाते हैं कि ऐसा अक्सर सच नहीं हो सकता । इसका उदाहरण हाल ही में तब सामने आया, जब मुंबई में एक 70 साल की महिला ने अपनी 43 साल की बहू को किडनी डोनेट कर दी।
वीडियो:
Very rare incident in country happened in our Satyam Tower CHS. Both kidneys of Amisha Jitesh Mota (43), daughter-in-law of Mota family,failed.Kidneys of her mother-in-law Prabha Kantilal Mota (70) were matched & mother-in-law happily donated her kidney to her daughter-in-law 1/2 pic.twitter.com/MwBUytJz6h
— Sachin Sawant सचिन सावंत (@sachin_inc) August 5, 2023
यह ऑपरेशन 1 अगस्त को मुंबई के नानावती अस्पताल में किया गया था और अमीषा,जिनकी किडनी पिछले साल ख़राब हो गयी थी, उन्हें यह अंग उनकी सास प्रभा कांतिलाल मोटा से मिला था। जब वह अस्पताल में ठीक हो रही थी, डोनेटर बनी सास, अपने परिवार द्वारा आयोजित एक भव्य स्वागत समारोह में घर लौट आयी।
मीडिया से बात करते हुए मोटा ने कहा कि उन्होंने अमीषा को किडनी देने का फ़ैसला इसलिए किया, क्योंकि उनका कोई भी बेटा ऐसा नहीं कर सका। उन्होंने ख़ुद को फिट बताते हुए कहा कि वह आगे आयीं और अपनी किडनी देने का फ़ैसला कर लिया। एक मिसाल क़ायम करने के बाद अब वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध करना चाहती हैं कि वे दूसरों को भी अपने अंग दान करने के लिए प्रोत्साहित करें।
उन्होंने कहा कि अमीषा उनके लिए बहू नहीं, बल्कि बेटी हैं।
अमीषा के पति जितेश मोटा, जो मधुमेह रोग से ग्रस्त हैं और दान करने के योग्य नहीं हैं,उन्होंने कहा कि जब उनकी मां को पता चला कि डोनेटर के लिए आठ साल से अधिक की वेटिंग टाइम है, तो वह डोनेट करने की पेशकश के साथ आगे आ गयीं।
परिवारिक डॉक्टर, डॉ. चंद्रकांत लल्लन का कहना था कि हालांकि, महिलाओं के लिए अपने पति, माता-पिता या बच्चों को अंग दान करना तो आम बात है, लेकिन सास को अंग दान करना दुर्लभ है।