यह तो वैज्ञानिक भी मान ही चुके हैं कि भारतीय वेद दुनिया के सबसे पुराने ग्रंथ हैं। इन्हीं ग्रंथों में एक नाम है आयुर्वेद। आयुर्वेद की एक संहिता का नाम है सुश्रुत संहिता। सुश्रुत, धनवंतरी के शिष्य थे। धनवंतरी मतलब स्वास्थ्य के देवता। सुश्रुत ने शल्य चिकित्सा को लिपिबद्ध किया। यानी उसके डिसिप्लिन तैयार किए। जिसे सुश्रुत संहिता कहा गया। सुश्रुत संहिता में आंख-नाक-कान और गले के ऑप्रेशन, हड्डियों के ऑप्रेशन, अंग प्रत्यारोपण (ट्रांस्पलांट), गर्भाश्य के ऑप्रेशन जैसे तमाम सर्जरीज के बारे में विस्तार से बताया गया है। भारत की इस ज्ञान परंपरा को मिथ (Myth) बताकर झुठलाया जाता रहा है। लेकिन अब इंडोनेशिया में रेडियो कॉर्बन डेटिंग एक कंकाल की पड़ताल की गई तो पता चला कि 31 हजार साल पहले से इंसान सर्जरी करना जानता था।
इंडोनेशिया के बारे में किसी को ज्यादा बताने की जरूरत नहीं कि वहां राम और रामायण आज भी पूजे जाते हैं। बौद्ध धर्म तो सम्राट अशोक के बाद वहां पनपा। कहने का मतलब यह कि इंडोनेशिया भारत का ही अंग था। अब इंडोनेशिया की एक गुफा में पुरातत्वविदों को एक कंकाल मिला है जो मेडिकल हिस्ट्री को बदल सकता है। रेडियो कार्बन डेटिंग से वैज्ञानिकों का अनुमान है कि 31,000 हजार साल पहले पूर्वी कालीमंतन प्रांत में लियांग तेबो गुफा में ये कंकाल दफन किया गया था।
खैर, जब किसी का हाथ या पैर खराब हो जाता है या एक्सीडेंट या बीमारी से बेकार होता है, इस दौरान डॉक्टर क्या करते हैं? उसे काटकर शरीर से अलग कर देते हैं। मगर ये काम सबसे पहले कब हुआ था इस बारे में जानकर आपको इसपर यकीन कर पाना बेहद मुश्किल होगा कि 31 हजार साल पहले एक बच्चे का पैर काटकर अलग किया गया था। जी हां, सही सुना इसे उस समय के एक्सपर्ट सर्जन ने बॉर्नियो (Borneo) में किया था। यह घटना पाषाण युग (Stone Age) की है।
किसका का है ये कंकाल?
ये कंकाल एक महिला का है या पुरुष का इसके बारे में जानकारी नहीं है। लेकिन शोधकर्ताओं को इस कंकाल की खोज के दौरान एक हैरान करने वाली चीज मिली है। जर्नल नेचर में छपे शोध में उन्होंने पाया कि इस कंकाल में बायां पैर नहीं है। शोध से पता चला है कि किशोर अवस्था से पहले ही इसका पैर बेहद सावधानी और सफाई के साथ काट दिया गया था। 19 से 21 साल की उम्र में अज्ञात कारणों से इसकी मौत हो गई।
साल 2020 में भी ऑस्ट्रेलिया और इंडोनेशिया में पुरातत्वविदों को एक पूरा कंकाल मिला था, जिसमें सर्जिकल कौशल का पता चला था। ये शुरुआती रेकॉर्ड हैं जो पाषाण काल के लोगों के प्रति हमारी समझ को एक दम बदल देते हैं। विशेषज्ञों का मानना था कि पिछले 10 हजार साल में खेती शुरु करने और स्थायी बस्तियों में रहने से पहले इंसानों के पास चिकित्सा या कठिन ऑपरेशन से जुड़ा ज्ञान नहीं था। अध्ययन में कहा गया कि इस खोज से पहले अंग काटने से जुड़ा सबसे पुराना कंकाल सात हजार साल पुराना था। ये फ्रांस में है, जिसके हाथ को कोहनी के ऊपर से काटा गया था।
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पैर काटने के बाद भी जीवित रहा
ग्रिफ़िथ विश्वविद्यालय के शोधकर्ता टिम मैलोनी ने बताया कि महज 100 साल पहले ही सर्जिकल तरीके से अंगों को काटना पश्चिम में आदर्श बना। इससे पहले अंगों को काटने के दौरान ज्यादा खून बहने, इनफेक्शन या शॉक से ही लोगों की मौत जाती थी। शोध ने आगे बताया कहा कि इंडोनेशिया में मिले कंकाल का पैर हजारों साल पहले बचपन में काटा गया था। इसके बावजूद वह छह से 9 वर्ष तक जिंदा रहा और उसे कोई इन्फेक्शन नहीं हुआ।
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