Hindi News

indianarrative

Strawberry Moon 2022: आज आसमान में होगा ‘गुलाबी’ चांद का दीदार, जानें इसके कुछ रोचक तथ्यों के बारे में…

Strawberry Moon 2022

चंद्रमा के कई रूपों के बारे में आपने जरूर सुना होगा और कई बार तो इसे देखा भी होगा। पर क्या कभी आपने स्ट्रॉबेरी मून के बारे में सुना है? अगर नहीं सुना तो दुनिया भर 14जून (मंगलवार) को आसमान में सुंदर नजारा दिखेगा। मंगलवार को पूर्णिमा का चंद्रमा अलग ही रूप में नजर आने वाला है। जिसे स्ट्रॉबेरी मून के नाम से जाना जाता है। आइए जानते है भारत में क्‍या दिखाई देगा।

चंद्रमा पृथ्वी के चारों ओर अपनी कक्षा में अपने निकटतम बिंदु पर होगा, जिसे पेरिगी कहा जाता है, जो इसे 'सुपरमून' जैसा दिखाई देगा। 14जून, 2022को चंद्रमा पृथ्वी के सबसे करीब पहुंच जाएगा जिससे यह सुपरमून बन जाएगा। सुपरमून पृथ्वी पर लोगों के लिए काफी चमकीले और बड़े दिखाई देगा, अगर आसमान साफ​​​​हो तो मंगलवार को ये सुंदर नजारा आप देख सकेंगे।

कब दिखेगा ये खूबसूरत नजारा

 बता दें को दिन शाम को सूरज ढलने के बाद दक्षिण पूर्व की ओर से स्ट्रॉबेरी मून निकलेगा जो दिखने में बड़ा और बेहद चमकीला होगा। विशेषज्ञों के अनुसार 14जून की शाम को 5बजकर 22मिनट पर चांद अपने चरम पर होगा मंगलवार को, यह पृथ्वी के 222,238मील (इसकी औसत दूरी से लगभग 16,000मील के करीब) के भीतर आ जाएगा और नियमित पूर्णिमा की तुलना में लगभग 10प्रतिशत उज्जवल होने की उम्मीद है।

 स्ट्रॉबेरी मून क्या है?

 स्ट्रॉबेरी मून न तो स्ट्रॉबेरी की तरह दिखता है और न ही यह गुलाबी रंग का होता है। यह नाम पूर्णिमा को मूल अमेरिकी ने नाम दिया है। द ओल्ड फार्मर्स अल्मनैक के अनुसार, "इस नाम (स्ट्रॉबेरी मून) का इस्तेमाल अल्गोंक्विन, ओजिब्वे, डकोटा और लकोटा लोगों द्वारा किया गया है, इसके पीछे कारण है कि ये फुल मून में तब नजर आता है जब स्‍ट्राबेरी जून महीने में तैयार हो जाती है और इसे इकट्ठा किया जाता है।

साल का सबसे निचला चांद Space.com के अनुसार, नासा के अनुसार, इस साल सुपरमून 2022की सबसे कम पूर्णिमा होगी, जो क्षितिज से सिर्फ 23.3डिग्री ऊपर उठेगी। यह सबसे कम होगा क्योंकि यह 21जून को ग्रीष्म संक्रांति से ठीक पहले हो रहा है। नासा द्वारा जारी एक गाइडलाइन के अनुसार, "ग्रीष्म संक्रांति पर, सूर्य वर्ष के लिए आकाश में सबसे ऊंचा दिखाई देता है। पूर्णिमा सूर्य के विपरीत होती है, इसलिए ग्रीष्म संक्रांति के निकट एक पूर्णिमा आकाश में कम होगी। वहीं अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने यह भी कहा कि इससे लोगों को एक अच्छे टेलीस्कोप का उपयोग करके चंद्रमा की सतह पर क्रेटर और पहाड़ों को देखने का मौका मिलेगा।